रेप केस में आरोपी दाती महाराज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में पीड़िता की तरफ से लगाई गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है।
गौरतलब है कि कोर्ट दिल्ली पुलिस की तरफ से हाल ही में फाइल की गई चार्जशीट से भी संतुष्ट नहीं दिखा। इसीलिए सीबीआई को इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने के आदेश दिए गए हैं। कोर्ट में चार्जशीट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में 4 दर्जन से ऊपर महिलाओं की गवाही पुलिस ने उनके घर जाकर दर्ज की है। मुमकिन है कि दाती महाराज ने बयान दर्ज होने के बाद उनको डराने धमकाने की कोशिश भी की हो। कोर्ट का सवाल था कि पीड़िता ने जब अपने बयान 164 में दर्ज करा दिए थे तो अभी तक इस मामले में दाती महाराज की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई।
बता दें कि पीड़िता की तरफ से इस मामले में दाती महाराज के खिलाफ बलात्कार का मामला दिल्ली पुलिस में दर्ज करवाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स का मुताबिक पीड़िता का कहना था जनवरी और मार्च 2016 में दाती महाराज ने उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने अपनी एफआईआर में पांच और लोगों को भी बलात्कार की घटना में दाती महाराज का सहयोग करने और षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया है।
अब जब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है तो पूरी जांच दोबारा सीबीआई को करनी होगी। जांच करने के बाद सीबीआई को अपनी चार्जशीट दिल्ली हाई कोर्ट को सौपनी होगी। सीबीआई की जांच से यह भी साफ होगा कि अब तक की दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में क्या-क्या गड़बड़ी और कमियां रही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने दाती महाराज को मुख्य आरोपी बताते हुए बलात्कार के आरोप में साकेत कोर्ट में अपनी चार्जशीट दायर कर दी। लेकिन हाईकोर्ट ने सबसे बड़ा सवाल यही उठाया कि अब तक इतने संगीन आरोपों के बावजूद दाती महाराज की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकी।