भीम आर्मी को होने वाली लाखों की फंडिंग को लेकर तीन ऑडियो वायरल हो गए हैं। ऑडियो में संस्थापक भीम आर्मी चंद्रशेखर व युवा शक्ति दल के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि गौतम के बीच बात हो रही है, जिसमें चंद्रशेखर बीते वर्ष 21 मई के प्रदर्शन में खर्च के बाद बचे चार लाख 92 हजार रुपये का हिसाब मांग रहे हैं। उक्त ऑडियो दैनिक जागरण के भी हाथ लगे हैं। सहारनपुर में पिछले वर्ष जातीय हिंसा के दो दिन बाद उसी कड़ी में नौ मई को रामनगर सहित शहर के अन्य हिस्सों में बवाल हुआ था। मामले में पुलिस ने भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर, जिलाध्यक्ष कमल वालिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन, राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत सिंह नौटियाल सहित सैकड़ों समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए चंद्रशेखर सहित सभी फरार हो गए थे और 21 मई को दिल्ली में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था।
इसके बाद तत्कालीन एसएसपी सुभाषचंद्र दुबे ने मीडिया को जारी बयान में भीम आर्मी को बाहर से लाखों रुपये की फंडिंग होने की बात कही थी, मगर यह बात पुष्ट नहीं हो सकी थी। सोमवार को दैनिक जागरण के हाथ तीन ऑडियो लगे हैं, जिसमें 14 महीने बाद जेल से छूटे चंद्रशेखर युवा शक्ति दल के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि कुमार गौतम से बात कर रहे हैं।
खुद का परिचय देने के बाद रवि से 21 मई का खर्च काट कर बचे बाकी चार लाख 92 हजार रुपये का हिसाब मांग रहे हैं। रवि ने अपना पल्ला झाड़ते हुए किसी संजीव, विजय तथा नरेश का नाम बताया कि सारा खर्च उन्होंने ही किया था, इसलिए रजिस्टर व हिसाब उन्हीं के पास होगा।
संजीव व रवि का ऑडियो
रवि गौतम ने संजीव को फोन कर कहा कि चंद्रशेखर हिसाब मांग रहे हैं, छुटमलपुर बुला रहे हंै, तुम रजिस्टर लेकर आ जाओ। इस पर संजीव बोला कि हम क्यों जाएं, उन्हें ही बुलाएंगे, मगर पहले तुम मुझसे अलग से मिलो। दोनों के बीच यह भी बात हुई कि आखिर चंद्रशेखर ने यह ऑडियो वायरल क्यों किया कि सारा रुपया रवि व संजीव के घर में है।
मैंने रवि को फोन कर निवेदन किया था कि 21 मई के धरना-प्रदर्शन के लिए समाज से जो भी रुपये एकत्र हुए थे, उसे सार्वजनिक कर दो, ताकि एक पारदर्शिता बनी रहे। कुछ लोग मुझ पर शक कर रहे हैं जो गलत है। मैं रुपये का भूखा नहीं हंू, मैं मिशन का आदमी हूं और सेवा करने आया हूं। 21 मई के प्रदर्शन की अनुमति भीम आर्मी को नहीं मिली थी, मगर रवि गौतम के युवा शक्ति दल के बैनर तले अनुमति हुई थी, इसीलिए उनसे फोन पर पूछा था।