सिंधी और बलूच कार्यकर्ताओं डेमर-भाषा बांध के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। रविवार को सिंधी और बलूच राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया और सिन्धु नदी के किनारे बांध के निर्माण के खिलाफ असंतोष जताते हुए नारेबाजी की।यह विरोध विश्व सिंधी कांग्रेस (डब्ल्यूएससी) द्वारा आयोजित किया गया था, जिनका कहना है कि सिंधु नदी पर डेमर-भाषा बांध का निर्माण केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि सिंधी लोगों के लिए जीवन और मृत्यु का मामला है। बलूच कार्यकर्ता भी इस विरोध में शामिल हुए और इस्लामबाद द्वारा संसाधनों के शोषण पर चिंता व्यक्त की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान सरकार सिंधी लोगों और पर्यावरण के अधिकारों पर विचार किए बिना बड़े पैमाने पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीसी) जैसी परियोजना और सिंधु नदी पर बांध का निर्माण कर रही है। डब्ल्यूएससी ने पाकिस्तानी प्रशासन से योजनाओं से किसी भी बड़े बांध के निर्माण को रद करने का आग्रह किया और इसके बजाय सौर, परमाणु और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों से आधुनिक जल प्रबंधन और बिजली उत्पादन पर जोरदार ध्यान केंद्रित किया।
आपको बता दें कि पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान इलाके में पाकिस्तान 4500MW का डेमर-भाषा बांध बनाना चाहता है। जिसकी कुल लागत 14 बिलियन डॉलर बताई जा रही है, जिसका भुगतान करने में पाकिस्तान को 30 साल लगेंगे।