- 36 माफिया और उनके शागिर्दों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा
- पिछले छह माह में प्रदेश स्तर पर चिह्नित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 22 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त और ध्वस्त हुई
- देश में सर्वाधिक माफिया और अपराधियों को हुई सजा, सबसे कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर
- 860 सहयोगियों के खिलाफ 396 मुकदमे दर्ज कर चार सौ से अधिक को किया गिरफ्तार, 174 पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर में 355 और 13 के खिलाफ लगा रासुका
- माफिया और उसके गैंग के सहयोगियों के 310 शस्त्र लाइसेंस निरस्त
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के बीते छह माह में कानून का शिकंजा और कसा है। कानून का राज कायम हुआ है और अपराध घटा है। माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में और तेजी आई है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार अब सजा भी हो रही है। मुख्तार सहित 36 माफिया और उनके शागिर्दों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा हुई है। साथ ही पिछले छह माह में प्रदेश स्तर पर चिह्नित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 22 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया गया है।
सीएम योगी की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का नतीजा है कि पुलिस सिर्फ माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि सजा भी करा रही है। यूपी पुलिस, अभियोजन और शासन के समन्वय से कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर पूरे देश में सर्वाधिक माफिया और अपराधियों को सजा दिलाई गई है। इतना ही नहीं, सबसे कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। यूपी पुलिस ने माफिया के गैंग के 860 सहयोगियों के खिलाफ 396 मुकदमे दर्ज कर चार सौ से अधिक को आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 174 पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर में 355 और 13 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है और 310 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किए हैं।
सीएम योगी ने ड्रग माफिया को दी करारी चोट
सीएम योगी ने प्रदेश में ड्रग माफिया को करारी चोट दी है। अवैध मादक पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाने के लिए एंटी नारकोटिक्स फोर्स गठन किया गया। पहले चरण में दो थानों गाजीपुर और बाराबंकी में एएनटीएफ थाना खोला गया और तीन क्षेत्रीय शाखा मेरठ, लखनऊ और गोरखपुर जोन की स्थापना की गई है। ड्रग माफिया के खिलाफ 24 अगस्त से आठ सितंबर तक चले अभियान में पुलिस ने 2833 संदिग्ध आरोपियों को चिह्नित कर 2479 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की और 2277 मुकदमे दर्ज किए। इन आरोपियों से पुलिस ने 39 करोड़ 68 लाख रुपए की बरामदगी की। गैंगेस्टर अधिनियम के तहत 358 आरोपियों के खिलाफ 110 मुकदमे दर्ज किए गए और 35 करोड़ 14 लाख की संपत्ति जब्त की। साथ ही कोर्ट में पैरवी कर 188 आरोपियों को सजा दिलाई।
अवैध शराब और जहरीली शराब के आरोपियों की 20 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त
पुलिस ने अवैध शराब और जहरीली शराब के खिलाफ चले अभियान में 11,157 आरोपियों के खिलाफ 10,821 मुकदमे दर्ज किए हैं और 11 करोड़ 16 लाख रुपए से अधिक की बरामदगी की है। इसके अलावा गैंगेस्टर अधिनियम के तहत 319 आरोपियों के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज किए हैं। साथ ही कोर्ट में पैरवी कर 164 आरोपियों को सजा दिलाई गई है। गैंगेस्टर अधिनियम के तहत करीब 20 करोड़ रुपए की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई है। आबकारी अधिनियम के तहत 406 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
बजट हुआ दुगुना, इंफ्रास्ट्रक्चर में हुई वृद्धि
यूपी पुलिस के बजट में दुगुने की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 16,115 करोड़ रुपए बजट था, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में दुगुना बढ़कर 30,203 करोड़ रुपए हो गया है। इससे प्रदेश में 244 थानों और 133 चौकियों की स्थापना की गई है। इसके अलावा नए बने सात जिलों हापुड़, चंदौली, और्रैया, संभल, शामली, अमरोहा और अमेठी में पुलिस लाइन की स्थापना की प्रक्रिया शुरू की गई है।
यूपी पुलिस में डेढ़ लाख से अधिक पदों पर हुई भर्ती
पिछले साढ़े पांच साल में यूपी पुलिस में विभिन्न पदों पर 1,53,869 भर्तियां हुई हैं। इसमें वर्ष 2017 से इस साल मार्च तक सिपाही, दरोगा, लिपिक, कंप्यूटर आपरेटर और जेल वार्डेन के विभिन्न पदों पर 1,44,194 भर्ती की गई है। इसके अलावा इस साल मार्च से सितंबर तक विभिन्न पदों पर 9675 भर्ती की गई है।
औसतन नौ मिनट में पहुंच रही यूपी 112
यूपी 112 के रिस्पांस टाइम में 2017 की तुलना में कई गुना कमी आई है। पांच साल पहले यूपी 112 को पहुंचने में जहां 44 मिनट लगते थे, वहीं अब औसतन नौ मिनट में पहुंच रही है।
यूपी पुलिस ने छह माह में रचा कीर्तिमान
- प्रदेश में इस वर्ष एक भी सांप्रदायिक दंगा या जातीय संघर्ष की घटना नहीं हुई।
- इस वर्ष विधानसभा निर्वाचन और विधान परिषद निर्वाचन को शांतिपूर्ण सकुशल संपन्न कराया गया।
- प्रतिदिन फुट पेट्रोलिंग कर संदिग्ध लोगों की चेकिंग की जा रही है। पुलिस ने प्रभावी फुट पेट्रोलिंग विकसित की है। प्रतिदिन पोर्टल पर विवरण अपलोड किया जाता है।
- एक जनवरी से सात सितंबर तक नौ अपराधी मुठभेड़ में मारे गए और 724 घायल हुए हैं।
- एक जनवरी से पांच सितंबर तक एनएसए के तहत 103 अभियुक्तों को जेल भेजा गया।
- गैंगस्टर अधिनियम के तहत एक जनवरी से 15 अगस्त तक 9166 आरोपियों के खिलाफ 2355 मुकदमे दर्ज कर 1576 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई।