पाकिस्तान ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘‘अनसुलझा विवाद’’ भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी शांति हासिल करने पर असर डाल रहा है और यह ‘‘मानवता के अंत:करण पर धब्बा’’ बना हुआ है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में आम चर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लामाबाद ‘‘संप्रभु समानता और आपसी सम्मान’’ के आधार पर नई दिल्ली के साथ संबंध चाहता है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हम गंभीर और व्यापक वार्ता के जरिये विवादों का समाधान चाहते हैं जिसमें चिंता के सभी मुद्दे शामिल हों.’’ महासभा बैठक से इतर विदेश मंत्रिस्तरीय वार्ता रद्द किये जाने पर कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करना चाहता था लेकिन नई दिल्ली ने ‘‘शांति पर राजनीति को’’ तरजीह देते हुए वार्ता रद्द कर दी.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कुछ महीने पहले जारी डाक टिकटों को बहाना बनाया.’’ कुरैशी ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान करने के लिए बातचीत एकमात्र रास्ता है और इसने क्षेत्र को अपनी असली क्षमता को साकार करने से रोक रखा है.’’ वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले बातचीत का प्रस्ताव भेजा फिर बॉर्डर पर हमारे जवानों की हत्या की.
सुषमा स्वराज ने कहा कि जहां तक भारत की बात है तो आतंकवाद कहीं दूर देश में नहीं, बल्कि सीमा पार से पनपा है और वो देश आतंकवाद फैलाने में ही माहिर नहीं है बल्कि अपने किए हुए को नकारने में भी उसने महारथ हासिल कर ली है इसका सबसे बड़ा सबूत है पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन का पाया जाना.
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के इतिहास में 9/11 की घटना सबसे बड़ी आतंकवादी घटना के तौर पर देखी जाती है. अमेरिका पूरी दुनिया में 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को खोज रहा था लेकिन उसे नहीं मालूम था कि अपने आप को अमेरिका का सबसे बड़ा दोस्त कहने वाले पाकिस्तान ने ही ओसामा को अपने यहां छिपा कर रखा हुआ था.