* “मीडिया ओलंपिक खेल” खेलेंगे पत्रकार और उनके परिजन
तनावग्रस्त मीडियाकर्मियों को तनाव मुक्त करने के लिए युवा पत्रकारों ने एक अनूठी पहल की है। ख़बरों के लिए पसीना बहाने वाले खबरों की दुनियां के महारथी परिवार सहित अब खेल के मैदान में पसीना बहाते नजर आएंगे। यूपी सहित पूरे देश के मीडियाकर्मियों और उनके परिजनों की सहभागिता वाले “मीडिया ओलंपिक खेल” की महफ़िल लखनऊ की सरजमीं पर सजने जा रही है।
पत्रकारों के क्रिकेट मैच तो पहले भी होते रहे हैं लेकिन पत्रकारों और उनके प्रतिभावान परिजनों की सहभागिता वाला मीडिया ओलंपिक खेल का आयोजन पहली बार होने जा रहा है।
लखनऊ के युवा पत्रकार व “द इंडियन व्यू” के संपादक राघवेन्द्र सिंह इस अद्भुत आयोजन के कर्ताधर्ता हैं। उन्होंने बताया कि मीडिया क्षेत्र में कार्यरत सभी साथियों,अग्रजों,अनुजों के समक्ष एक अवसर है, अपनी और परिवार के किसी भी सदस्य की खेल प्रतिभा को एक मंच प्रदान करने का,उन्हें पुनर्जीवित करने का..। विभिन्न आयु/लैंगिक वर्ग में प्रत्येक खेल से जुड़ी प्रतिस्पर्धा अलग रूप में आयोजित की जाएगी। जिन खेलों को प्रतियोगिता में स्थान दिया जा रहा है उसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज, फुटबॉल, शूटआउट इत्यादि शामिल हैं। इसके लिए पंजीकरण आगामी 10 सितंबर से आरंभ होगा। कृपया मीडिया परिवार के लिए आयोजित होने वाली इस अभिनव प्रतिस्पर्धा में सहभागी बनें, परिवार के सदस्यों को भी खेल के माध्यम से जोड़ने, आगे आने का अवसर प्रदान करें।
आयोजक राघवेन्द्र ने इस बात पर भी सफाई दी कि सीनियर आईएएस नवनीत सहगल को खेल-कूद विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाए जाने और मीडिया ओलंपिक खेल के आयोजन से कोई कनेक्शन नहीं है।
बताते चलें कि मीडिया में पकड़ रखने वाले और पत्रकारों के करीबी रहे नवनीत सहगल कई सरकारों में मीडिया मैनेजमेंट के माहिर माने जाते रहे हैं। वो दस वर्ष से अधिक यूपी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के शीर्ष अफसर रहे हैं। बीते बुधवार को उन्हें
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों से हटाकर खेलकूद विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया। और बृहस्पतिवार को लखनऊ में “मीडिया ओलंपिक खेल” आयोजन की घोषणा हो गई। इसपर दिलचस्प चर्चाएं होने लगीं। सहगल को खेल विभाग मिलने और लखनऊ में मीडिया ओलंपिक खेल के आयोजन को जोड़ा जाने लगा।