नई दिल्ली। बिहार में संगठन मजबूत करने में जुटी कांग्रेस ने राज्य में किसानों को लामबंद करने के लिए जल्द ही बड़े पैमाने पर मुहिम शुरू करने की तैयारी में है। कांग्रेस अपनी इस मुहिम में ‘उपज की सरकारी खरीद नहीं होने’के मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी।
पार्टी नेताओं ने हाल ही में राज्य के हजारों किसानों के साथ संवाद किया और फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि राज्य में गेहूं और धान का सरकार द्बारा खरीद नहीं किया जाना किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव-प्रभारी (बिहार) वीरेंद्र सिंह राठौर ने ‘भाषा’ से कहा कि गत कुछ हफ़्तों में हमने 10 हजार से अधिक लोगों से संवाद किया जो खेती से जुड़े हुए हैं।
इस संवाद में ये बात निकलकर आई कि उपज की सरकार द्बारा खरीद नहीं किया जाना किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन इस मुद्दे को राजनीतिक विमर्श में महत्व नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में हम जल्द ही किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
हमने इसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली है। हम सम्मेलनों, धरने-प्रदर्शनों और जनसंपर्क के जरिए किसानों को लामबंद करेंगे कि वह अपना अधिकार पाने के लिए आगे आएं। राठौर ने कहा कि राज्य में किसानों की उपज की सरकार द्बारा खरीद नहीं की जाती जिस वजह से किसान छोटे व्यापारियों को तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि गेंहू की सरकारी खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल है लेकिन बिहार में पिछली फसल के दौरान किसान 1200 रुपए से भी कम कीमत गेहूं बेचने को मजबूर हुए। इसकी वजह सरकारी खरीद का नहीं होना है।
किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई। यह बहुत ही दयनीय स्थिति है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी किसानों से यह वादा करेगी कि केंद्र और राज्य की सत्ता में आने पर बिहार और हरियाणा की तर्ज पर उनकी उपज की 100 प्रतिशत सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान से मंजूरी मिलने के साथ ही इस मुद्दे पर किसानों को एकजुट करने की मुहिम शुरू कर दी जाएगी।