नई दिल्ली. जिस तरह से दिल्ली के बल्लेबाजों ने ब्रावो की धुनाई की, डेथ ओवर्स में उनके एक ओवर में 26 रन फोड़ डाले, उसके बाद अब ये सवाल उठने लाजमी हो गए हैं कि क्या सचमुच में ब्रावो अब भी डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट हैं. क्या उन्हें अब भी T20 क्रिकेट में डेथ ओवर्स का सबसे बड़ा गेंदबाज कहना उचित है. इस सवाल का जवाब ढूंढते हुए हमने एक आंकड़ा निकाला है जो इस मसले पर दूध का दूध और पानी का पानी करता नजर आ रहा है. लेकिन इससे पहले कि हम इस आंकड़े से आपको रूबरू कराएं उससे पहले ये जान लें कि आखिर दिल्ली के खिलाफ ब्रावो ने कितनी घटिया कर दी कि उनके डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट के टैग पर ही सवाल उठ खड़े हुए.
दिल्ली के आगे बेदम ब्रावो
ब्रावो ने दिल्ली के खिलाफ 4 ओवर में 52 रन दिए. इनमें ब्रावो ने पहले 3 ओवर में सिर्फ 26 रन ही लुटाए लेकिन उनका आखिरी ओवर टीम के लिए इतना बड़ा अभिशाप बना कि कोटला पर सुपरकिंग्स का काम ही तमाम हो गया. ब्रावो ने अपने आखिरी ओवर में पहले 3 ओवर के बराबर रन दे दिए. यानी कि उन्होंने 52 में से 26 रन सिर्फ आखिर के ओवर में दिए.
CSK का सबसे महंगा ओवर
अब जरा ब्रावो के आखिरी ओवर में दिए 26 रन की विशेषता भी जान लीजिए. ये IPL के इतिहास में CSK के किसी भी गेंदबाज का सबसे महंगा ओवर था. इससे पहले साल 2008 में कपूगेदरा और 2015 में रवींद्र जडेजा ने भी अपने-अपने 1 ओवर में 26 रन ही लुटाए थे.
आंकड़ों में जमीन-आसमान का फर्क
अब बात जमीन-आसमान का फर्क बताने वाले उस आंकड़े की जो ये बता रहा है कि ब्रावो अब पहले जैसे डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट नहीं रहे. दरअसल ब्रावो जिस कैलिबर के गेंदबाज डेथ ओवर्स में साल 2017 तक खेले IPL के पिछले 10 सीजंस में थे वो इस सीजन यानी कि साल 2018 में उनका दम नहीं दिख रहा. दूसरे लहजे में कहें तो डेथ ओवर्स में वो अपने पिछले प्रदर्शन के आसपास भी इस सीजन में फटकते नहीं दिख रहे. साल 2017 तक डेथ ओवर्स में ब्रावो का औसत 17.61 का था. उनका इकॉनोमी रेट 9.04 का था जबकि उनके 16.5 गेंद पर एक छक्का लगता था. जबकि इस सीजन में वैसा नहीं है. साल 2018 में डेथ ओवर्स में ब्रावो का औसत 47.83 काा है. उनका इकॉनोमी रेट 11.71 का है. जबकि, इस सीजन ब्रावो की हर 7वीं गेंद पर ही छक्का पड़ जा रहा है.