- सरकार की ओर से जिले स्तर से लेकर विभिन्न देशों की एंबेसी से भी निरंतर किया जा रहा संवाद
- एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पाने को निर्यात बढ़ाने पर जोर, तीन साल में 20 लाख हजार करोड़ निर्यात पहुंचाने का लक्ष्य
- एक्शन प्लान तैयार, 15 सेक्टर्स चुने गए, नए उत्पादों को भी किया जाएगा प्रमोट
- हर जिले में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान पर हो रहा कार्य, डीएम की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट कमेटी बनी
- जिलेवार निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को किया गया चिह्नित
24 जुलाई, लखनऊ। प्रदेश के उत्पादों की विदेशों में और धूम मचने वाली है। इसके लिए सरकार की ओर से जिले स्तर से लेकर विभिन्न देशों की एंबेसी से भी निरंतर संवाद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के संकल्प को साकार रूप देने के लिए निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है और उसी के अनुसार एक्शन प्लान बनाकर कार्य शुरू किया गया है।
सीएम योगी के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश की औद्योगिक गतिविधियों को नया जीवन मिला है। जिस कारण पिछले साल निर्यात एक लाख 21 हजार करोड़ से 30 फीसदी बढ़कर अब एक लाख 56 हजार करोड़ हो गया है। सरकार का उद्देश्य इसे अगले तीन साल में दो लाख हजार करोड़ रुपए पहुंचाने का है। इसके लिए हर जिले में कौन से ऐसे उत्पाद हैं, जिनके निर्यात की संभावनाएं हैं, उनकी पड़ताल की गई है। हर जिले में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान बनाया गया है। किस जिले में कौन से प्रमुख उत्पाद हैं और उसकी क्या संभावनाएं हैं, इसकी स्टडी की गई है। राज्य स्तर पर ऐसे 15 सेक्टर्स को चुना गया है। ऐसे उत्पाद जो निर्यात होते रहे हैं, उनके अलावा ऐसे उत्पादों को भी चिह्नित किया गया है, जिनमें थोड़ा और प्रयास करके निर्यात किया जा सकता है।
स्थानीय स्तर पर निर्यातकों को आने वाली समस्याओं के बारे में ली जा रही जानकारी
हर जिले में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट प्लान पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही डीएम की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट कमेटी भी बनाई गई है। इसमें महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र समन्वयक होगा और निर्यातक उसके सदस्य होंगे। हर महीने डीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी। इससे स्थानीय स्तर पर निर्यातकों को आने वाली समस्याओं के बारे में भी विभाग को जानकारी मिलेगी।
निर्यातकों को सीधे विदेशों के खरीदारों से जोड़ा जा रहा: सहगल
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि विभाग ने सभी दूतावासों से संपर्क किया है और उन्हें किस उत्पाद की ज्यादा जरूरत है, इस बारे में उनसे जानकारी ली जा रही है। इसके बाद सीधे निर्यातकों को विदेशों के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है। विभाग की ओर से कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा बायर टू बायर मीट हो। इसके अलावा विदेशों में होने वाले फेयर और एग्जीबिशन की जानकारी भी ली जा रही है। यूपी के निर्यातकों को विदेशों में लगने वाले फेयर और एग्जीबिशन में भेजने की भी योजना है। इससे विदेशों में उद्यमियों को अवार्ड भी मिलेंगे और निर्यात भी बढ़ेगा।
इन प्रमुख सेक्टरों पर हुई स्टडी
एसएमई विभाग ने इलेक्ट्रानिक और इलेक्ट्रानिक उपकरण, मशीनरी और उपकरण, वाहन और वाहनों के उपकरण, जेम्स एंड ज्वेलरी, आर्गेनिक केमिकल्स, लोहे और स्टील के वस्तु, परिधान (साड़ियां भी), फर्निचर, लेदर और लेदर उत्पाद, स्पोर्ट्स गुड्स, ग्लास एंड ग्लासवेयर, परफ्यूम, सिरामिक, कारपेट्स और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर्स की स्टडी कराई।
दूतावासों में लगेंगे ओडीओपी के डिस्प्ले
सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) की निर्यात में बड़ी भूमिका होने वाली है। सरकार की ओर से ओडीओपी की दूसरे देशों के दूतावासों में भी ब्रांडिंग की जाएगी। दूतावासों में ओडीओपी के उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे और डिस्प्ले में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म की भी जानकारी दी जाएगी, ताकि लोग वहां से भी आयात कर सकें। इससे ओडीओपी के उत्पादों का विदेशों में भी निर्यात बढ़ेगा।
सीएम योगी ने निर्यात का बजट किया दोगुना
सीएम योगी ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश निर्यात अवस्थापना विकास योजना का बजट इस वर्ष दोगुना कर दिया है। इस योजना के लिए सात करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। इसी प्रकार त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए भी बजट को दोगुने से अधिक बढ़ाते हुए इस वर्ष 25 करोड़ रुपए बजट का किया गया है।