लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन के गांधी सभागार में राजभवन में आवासित अधिकारी एवं कर्मचारियों के बच्चों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रस्तुत देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत नाटक ‘मेरा भी तो नाम लिख लो’ का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागी बच्चों की हौंसला अफजाई की और कहा कि बच्चों को इसी तरह संस्कारित करना और उनकी सामाजिक सद्वृत्तियों को विकसित करना हम सबका उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रारंभ से ही अपने देश, अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखाना चाहिए। उन्हें दृढ़ता से बताना चाहिए कि जिस स्वतंत्र देश में वे आज पैदा हुए हैं, उस स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए हमारे अनगिनत देशभक्तों ने बलिदान दिया, संघर्ष किया, असहनीय यातनाओं को भी सहन किया, तब जाकर हम आज स्वतंत्र भारत में गर्व के साथ खड़े हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने बच्चों की अच्छी शिक्षा, संस्कार और स्वास्थ्य के प्रति सामाजिक दायित्वों के महत्व को भी बताया। उन्होंने इस दिशा में राजभवन से प्रदेश स्तर पर तथा राजभवन में चलाए गए अभियान और कार्यों की जानकारी दी और उनकी आवश्यकता के बारे में भी बताया।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि बच्चे इसी तरह कला, संस्कृति और खेल की गतिविधियों से जुड़ं़े और इनका सम्पूर्ण मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास हो। इनमें सामाजिक संवेदनाओं की समझ विकसित हो, ये ही मेरी कामना है।
ज्ञात हो कि देश में मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतेन्दु नाट्य अकादमी द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नाट्य प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। इसी क्रम में बाल रंगमंच प्रमुख प्रिवेन्द्र कुमार सिंह, नाट्य निर्देशिका रोजी मिश्रा, सह निर्देशिका मनीषा मेहरा के निर्देशन में गत् 25 दिनों से राजभवन में आवासित बच्चों को नाटक का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। बच्चों द्वारा आज सभागार में नाटक की भाव प्रबल प्रस्तुति दी गई, जिसे दर्शकों ने कई बार तालियों से सराहा।
कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रवि शंकर खरे तथा उनकी टीम को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल श्री महेश कुमार गुप्ता, विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह, विशेष सचिव संस्कृति विभाग आनन्द कुमार, भारतेन्दु नाट्य अकादमी के सदस्य डा0 अनिल रस्तोगी, अकादमी के विद्यार्थी तथा राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।