जम्मू। श्री अमरनाथ की पवित्र यात्रा के लिए बुधवार सुबह आधार शिविर भगवती नगर से बम-बम भोले के जयघोष के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहला जत्था रवाना हुआ। सुबह करीब चार बजे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के बाद अपनी शुभकामनाएं देकर जत्थे को रवाना किया।
उन्होंने प्रदेश में सुख शांति तथा श्रद्धालुओं की सुखद यात्रा की कामना भी की। यह जत्था कल सुबह पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से आधिकारिक तौर पर पहले जत्थे के रूप में पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगा। बाबा बर्फानी की पवित्र यात्रा कोविड महामारी के कारण दो साल बाद हो रही है। श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए देशभर से आए शिवभक्तों में भारी उत्साह है।
देशभर से हजारों शिवभक्तों के जम्मू पहुंचने से पूरा माहौल भक्तिमय बना गया हुआ है। भीषण गर्मी के बावजूद भक्तों में भारी उत्साह है। मंगलवार को रेलवे स्टेशन के पास वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन हाल शालामार में सैकड़ों तीर्थ यात्रियों का तत्काल पंजीकरण किया गया। इसी तरह श्री राम मंदिर पुरानी मंडी में भी सैकड़ों साधु संतों का तत्काल पंजीकरण किया गया। जम्मू से पहले जत्थे में तीर्थ यात्रियों के साथ साधु संत भी रवाना हुए।
जम्मू के परेड स्थित श्री राम मंदिर के अलावा गीता भवन में भी साधु-संतों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। रेलवे स्टेशन के पास सरस्वती धाम से तीर्थ यात्रियों को टोकन जारी किए जा रहे हैं, जिसमें समय और तिथि के मुताबिक तत्काल पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है। आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में मंगलवार देरशाम तक 1600 से अधिक यात्री पहुंच चुके थे, जिससे यात्रियों की एंट्री बंद कर दी गई थी। अन्य यात्रियों को आसपास के आवास स्थलों में ठहराया जा रहा है। जम्मू में श्रद्धालुओं के लिए 30 से ज्यादा लंगरों का प्रबंध भी किया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा में डाग स्क्वायड को भी शामिल किया गया है। यात्रा मार्ग पर ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। आतंकियों द्वारा हमले की धमकियों के चलते सुरक्षाबल जम्मू तथा यात्रा मार्ग पर सतर्कता से मौजूद हैं। इसी बीच यात्रियों की सहूलियत और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आधार शिविर के आसपास के क्षेत्र को नो पार्किंग जोन बनाया गया है।
इस साल श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या की संभावना के मद्देनजर यात्रा प्रबंधों को चाक चौबंद किया गया है और प्रशासन के आला अधिकारी लगातार इनका जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं। यात्रा को ध्यान में रखते हुए आवास क्षमता को दोगुना किया गया है। जम्मू और चंद्रकोट के अलावा श्रीनगर में भी आपात स्थिति में सैकड़ों यात्रियों को ठहराया जा सकेगा।