नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दूसरे दिन हांग हा शिपयार्ड में भारत की ओर से वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट सौंपी। रक्षा मंत्री ने इस समारोह में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह समारोह भारत सरकार द्वारा 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 12 हाई स्पीड गार्ड बोट बनाने की परियोजना के सफल समापन का प्रतीक है।
रक्षा मंत्री अपनी वियतनाम यात्रा के दूसरे दिन 12 हाई स्पीड गार्ड बोट के हैंडओवर समारोह में शामिल होने के लिए हांग हा शिपयार्ड पहुंचे। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि यह समारोह भारत और वियतनाम के बीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाओं का अग्रदूत होगा। शुरुआती पांच नावों का निर्माण भारत में एलएंडटी शिपयार्ड में किया गया था और शेष सात वियतनाम के हांग हा शिपयार्ड में बनाई गई हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होकर बहुत खुशी हो रही है, जो रक्षा लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 12 हाई स्पीड गार्ड नौकाओं के निर्माण की परियोजना का सफल समापन है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह परियोजना हमारे ‘मेक इन इंडिया- मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन का एक ज्वलंत उदाहरण है। हमें बहुत खुशी होगी कि वियतनाम जैसे करीबी मित्र रक्षा उद्योग सहयोग में वृद्धि के माध्यम से हमारे रक्षा उद्योग परिवर्तन का हिस्सा बनें। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हनोई में वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक से मुलाकात की और इसके बाद हनोई में वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय का दौरा किया। उन्होंने अपने वियतनामी समकक्ष जनरल फान वान जियांग के साथ द्विपक्षीय चर्चा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के हनोई में सैन्य इतिहास संग्रहालय का दौरा किया। उन्होंने हनोई में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाक़ात की और उन्हें संबोधित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपनी यात्रा के पहले दिन हनोई में वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त ‘विजन स्टेटमेंट’ पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन से मुलाकात की। रक्षा मंत्री हनोई में एक ऐसे पगोडा में पहुंचे जहां पर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने साठ साल पहले वियतनाम के प्रेसिडेंट हो ची मिन्ह के साथ एक बोधि वृक्ष लगाया था। उसी वृक्ष के नीचे खड़े हो कर उन्होंने बौद्ध भिक्षुकों से बातचीत की। राजनाथ सिंह ने कहा कि हनोई में ऐतिहासिक ट्रैन क्वोक पगोडा में जाने के बाद धन्य महसूस कर रहा हूं। वियतनाम के साथ हमारी साझा बौद्ध विरासत हमारे आधुनिक संबंधों की एक मजबूत कड़ी है।