नई दिल्ली: राजस्थान के चुनावी मौसम में इन दिनों वादों की बरसात के साथ घोषणाओं के बादल की भी बड़ी तेजी से गरज रहे हैं. आलम यह है कि बीते 30 दिनों में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करीब 52 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं की घोषणा की है. वहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा की जा रही इन घोषणाओं से कांग्रेस बेहद खफा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीते पांच सालों के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने सूबे में कुछ भी नहीं किया, अब चुनाव की बैतरणी पार लगाने के लिए वसुंधरा राजे सरकार घोषणा पर घोषणा किया जा रही है.
2013 में किए गए वादे अब तक पूरे नहीं
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार ने पिछले 5 सालों में प्रदेश की तरक्की को पीछे ढकेल दिया है. अब चुनाव आने पर रानी सा (मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे) केवल शिलान्यास और पुराने योजनाओं के नाम बदलकर वोट लेना चाहती हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 से पहले बीजेपी की तरफ से किए गए तमाम वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता बीजेपी सरकार की वादाखिलाफी, झूठे आश्वासन और कुशासन से तंग आ चुकी है. आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में सूबे की जनता अब बीजेपी को दोबारा मौका नहीं देगी.
राजे का गृह जिला भी नहीं हुआ विकसित
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यख सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के गृह जिले झालावाड़ का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने गृह जिले में 17 हजार करोड़ से विकास कार्य करने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ, झालावाड़ के कलेक्टर ने केंद्र सरकार ससे आग्रह किया कि झालावाड़ में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं, लिहाजा इस जिले को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया जाए. उन्होंने बताया कि झालावाड़ के कलेक्टर द्वारा केंद्र को भेजी गई चिट्ठी में बताया गया है कि वहां पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं, लिहाजा, इसको पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया जाए.