कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आखिरकार कोरोना की वजह से दो सालों तक बंद रहने के बाद बुधवार को दो दिवसीय विश्व बांग्ला व्यापार शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। राजारहट में नवनिर्मित विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में होनी है।
खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल हो सकते हैं लेकिन बुधवार सुबह तक इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसमें टाटा, बिरला, अदानी, अंबानी जैसे देश के बड़े उद्योगपतियों के अलावा देश-दुनिया के बड़े कारोबारियों को बुलाया गया है ताकि बंगाल में निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके।
इसके पहले ममता सरकार पांच बार ऐसा ही विश्व बांग्ला शिखर सम्मेलन कर चुकी है जिसमें करीब 12.35 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले था लेकिन एक भी निवेश नहीं हो सका। इसके लिए वजह बताई गई कि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों द्वारा रंगदारी वसूली और कारोबारियों से जबरदस्ती के कारण कोई भी उद्योगपति बंगाल में निवेश नहीं करना चाहता। पश्चिम बंगाल सरकार ने निवेश के लिए जमीन देने से लेकर सिंगल विंडो अनुमति सिस्टम की शुरूआत की है लेकिन यहां हिंसक माहौल की वजह से निवेश आकर्षित करने की राज्य सरकार की योजनाएं बहुत अधिक सफल नहीं होती हैं।
राज्य प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि अडानी समूह के गौतम अडानी कोलकाता आ चुके हैं। इसके अलावा हीरानंदानी जिंदल और चटर्जी समूह के अधिकारी भी मौजूद हैं। विप्रो के अजीम प्रेमजी, रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी भी इसमें शामिल हो रहे हैं। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, केन्या, चीन, बांग्लादेश, इंग्लैंड, जापान सहित 14 देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। इसके लिए तैयारियां दो दिन पहले ही शुरू हो गई थीं। मंगलवार को ही बांग्लादेश के उद्योग मंत्री टीपू मुंशी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर बैठक की थी।