नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ एंव जम्मू-कश्मीर में कई बार गश्त कर रहे सीआरपीएफ के जवानों के उपर आतंकी हमला कर देते है। इसी को रोकने के लिये बल एमएमपीडीएस तकनीक (मल्टी मोड पैसिव डिटेक्शन सिस्टम) को लेने जा रही है। सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि हालांकि अभी इसको पक्का नहीं किया गया है।
एक सवाल का जवाब देते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने कहा कि कुछ तकनीकी चीजों के बारे में जानकारी मांगी गई है। हमारी जरूरत के मुताबिक तकनीक मिलने के बाद इसे सीआरपीएफ अपने बेडे में शामिल करेगा। यह तकनीक एक एमुओन आधारित स्थिर स्कैनर तकनीक है, जिसे एमएमपीडीएस तकनीक (मल्टी मोड पैसिव डिटेक्शन सिस्टम) कहा जाता है, जो पूरे वाहन में कहीं भी छिपाए गए प्रतिबंधित सामानों के लिए वाहनों की पूर्ण स्कैनिंग करता है।
सभी प्रकार के अस्त्र व शस्त्र (बिना असेंबल सहित), गोलाबारूद, विस्फोटक, तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले घातक गन साइलेंसर, विभिन्न टेलीस्कोपिक, नाइट विजन डिवाइस, रेडियो उपकरण, नकली मुद्रा, कीमती धातु आदि को पता लगाता है। इतना ही नहीं मानव द्वारा वाहन में अनदेखी सकरी जगहों में छिपाकर बैठे इंसानों तथा नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ का भी पता लगा सकता है।
मैसर्स एसएसबीआई लिमिटेड और ओईएम के साथ वर्तमान में पत्राचार, प्रस्तुतियां और तकनीकी चर्चाओं के बाद, ओईएम, आरएंडडी के तहत एमएमपीडीएस प्रणाली के डेमोशट्रेशन और यूएसए में ऑनसाइट इंस्टॉलेशन की तारीख मांगी गई है और अभी फर्म से प्रतीक्षित है।