मुख्यमंत्री ने जनपद मेरठ में टोक्यो पैरालम्पिक-2020 के पदक विजेता तथा प्रदेश के प्रतिभागी खिलाड़ियों को सम्मानित किया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियांे के बीच श्रेष्ठ अवसर की तलाश के लिए खिलाड़ी हमेशा सजग रहते हैं। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए हमारे खिलाड़ियों ने शानदार और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। टोक्यो पैरालम्पिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने आज जनपद मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में आयोजित टोक्यो पैरालम्पिक गेम्स-2020 में भारत के पदक विजेता एवं प्रदेश के प्रतिभागी खिलाड़ियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर 19 पदक जीतने वाले 17 खिलाड़ियांे को व प्रतिभाग करने वाले 06 खिलाड़ियांे को कुल 32.50 करोड़ रुपये की धनराशि का वितरण किया। उन्होंने खेल पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलेगा यूपी, खिलेगा यूपी, खेलेगा इण्डिया, खिलेगा इण्डिया। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलम्पिक व पैरालम्पिक में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन खिलाड़ियांे द्वारा किया गया। खेलो इण्डिया खेलो तथा सांसद खेल स्पर्धा के माध्यम से भी खेल व खिलाड़ियांे को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। हम सब देश के कारण है और देश हमारी पहचान है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियांे व वृद्ध व विपन्न खिलाड़ियांे को वित्तीय सहायता दी जा रही है। मेरठ में मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सन् 1857 की क्रान्ति का बिगुल फूंकने वाली मेरठ की क्रान्तिधरा पर पैरालम्पिक खिलाड़ियांे का स्वागत हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व प्रोत्साहन तथा खेल मंत्री भारत सरकार अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में टोक्यो ओलंपिक व टोक्यो पैरालम्पिक में खिलाड़ियांे द्वारा अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी का यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि भारत की पहचान को बढ़ावा देने वाले व वैश्विक पटल पर नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियांे का सम्मान करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय खेल मंत्री, जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं, ने स्वयं खिलाड़ियांे का हाल जाना व व्यवस्थाआंे का भी जायजा लिया। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय खेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार वीरेन्द्र के नेतृत्व इन योजनाओं का सीधा लाभ पात्रों को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच कुछ नया करने की रही है, उस सोच को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी मेरठ की बात होती है, तो मेरठ स्पोर्ट्स गुड्स के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ प्रारम्भ की गई। उन्होंने कहा कि इस योजना का मतलब जनपद के विशिष्ट उत्पाद के माध्यम से जिले की पहचान बन सके। जिससे इसके माध्यम से जनपद में व्यापक रोजगार व निवेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के शोध करने के उपरान्त मेरठ को स्पोर्ट्स गुड्स के लिए एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत चुना गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ ने स्पोर्ट्स गुड्स के क्षेत्र में उत्तरोत्तर तरक्की और अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मेरठ में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरठ के स्पोर्ट्स गुड्स की अपनी एक गुणवत्ता है, जिसकी पूरे विश्व में डिमाण्ड है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्पोर्ट्स गुड्स व अन्य उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है, जिसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियांे की आवश्यकताओं को महसूस किया और खेलो इण्डिया खेलो के माध्यम से भी खेल व खिलाड़ियांे को बढ़ावा देने का कार्य किया है, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 24 अगस्त से 05 सितम्बर, 2021 तक टोक्यो पैरालम्पिक-2020 में भारत के 54 खिलाड़ियांे ने 09 खेलों में प्रतिभाग कर 05 स्वर्ण, 08 रजत व 06 कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियांे में से 08 खिलाडी उ0प्र0 के थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर ने भी देश के लिए पदक जीते और प्रदेश सरकार ने उनको 05 वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के खिलाड़ियांे को टोक्यो पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 06 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 04 करोड़ रुपये व कांस्य पदक के लिए 02 करोड़ रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश से बाहर के खिलाड़ियांे के लिए स्वर्ण पदक के लिए 02 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 1.50 करोड़ रुपये व कांस्य पदक के लिए 01 करोड़ रुपये देने का कार्य किया जा रहा है। उ0प्र0 के खिलाड़ी जिन्होंने टोक्यो पैरालम्पिक में प्रतिभाग किया, लेकिन बेहतर प्रदर्शन के बावजूद पदक नहीं जीत पाए, राज्य सरकार ने ऐसे खिलाड़ियांे को भी 25-25 लाख रुपये देने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 19 अगस्त, 2021 को लखनऊ में टोक्यो ओलम्पिक में पदक विजेताओं व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियांे व टीमों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पुरुष हॉकी में कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियांे, उ0प्र0 के 10 प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियांे सहित 72 खिलाड़ियांे को नकद पुरस्कार व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालम्पिक में जितने भी प्रशिक्षक गये थे, उन्हें भी राज्य सरकार 10-10 लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षाें में अब तक प्रदेश मे अवस्थापना सुविधाआंे के विकास के लिए कुछ नया करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सहयोग से अब तक प्रदेश में 71 स्टेडियम, 02 मिनी स्टेडियम, 68 बहुउद्देशीय हॉल, 38 तरणताल, 01 अन्तर्राष्ट्रीय ऑल वेदर तरणताल, 02 अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 11 सिन्थेटिक हॉकी स्टेडियम, 02 फ्लड लाइट सिन्थेटिक हॉकी स्टेडियम, 02 सिन्थेटिक रनिंग ट्रैक, 02 जूडो हॉल, 30 अत्याधुनिक जिम उपकरण, 06 शूटिंग रेंज, 11 सिन्थेटिक टेनिस कोर्ट, 19 डॉरमैट्री, 16 सिन्थेटिक बॉस्केटबॉल कोर्ट, 11 कुश्ती हॉल, 11 वेटलिफ्टिंग हॉल का निर्माण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 खेलों के लिए 19 जनपदों में 44 छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आवासीय छात्रावास के खिलाड़ियांे को 250 रुपये प्रतिदिन की दर से सहयोग राशि प्रदान की जाती है। साथ ही, भोजन, प्रशिक्षण, शिक्षा आदि निःशुल्क दी जाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तीन स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ, गोरखपुर व इटावा में संचालित किये जा रहे हैं, जहां पर खिलाड़ियांे को भोजन, आवास व प्रशिक्षण निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार तथा खेल में पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित खिलाड़ियांे को 20 हजार रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। प्रदेश के खिलाड़ियांे के कल्याणार्थ चलायी जा रही योजनाओं के अन्तर्गत वृद्ध, अशक्त और विपदाग्रस्त खिलाड़ियांे में राज्यस्तरीय खिलाड़ियांे को 04 हजार रुपये प्रतिमाह, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियांे को 06 हजार रुपये प्रतिमाह व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियांे को 10 हजार प्रतिमाह की वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने कहा कि हम सब देश के कारण हैं और देश हमारी पहचान है।
युवा कार्य एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत सरकार अनुराग ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’ के मंत्र को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। योजनाओं का लाभ प्रदेश के कोने-कोने पर पात्रांे तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 के मेरठ में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने का कार्य शुरू होने वाला है, जिससे खेल प्रतिभाओ ंको बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह मेरठ से बहुत वर्षों से जुडे़ हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में उत्तर प्रदेश में भय का माहौल था, जिसे वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में समाप्त किया गया।
युवा कार्य एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान भी खिलाड़ियांे ने अभ्यास व प्रयास जारी रखा व देश को मेडल दिलाया। उन्होंने कहा कि यह मेरठ की धरती है, जो खिलाड़ियांे का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि आज सांसद खेल स्पर्धा प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। उन्हांेेने कहा कि हम खेलांे को बढ़ावा देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालम्पिक में खिलाड़ियांे ने पदक जीतकर भारत का मान व शान बढ़ाने का कार्य किया है, जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है।
युवा कार्य एवं खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि मेरठ की स्पोर्ट्स इण्डस्ट्री प्रख्यात है तथा अपने खेलों के सामान के लिए विश्व में जानी जाती है। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में जिन 08 खिलाड़ियांे ने उ0प्र0 से प्रतिभाग किया है उनमें से 07 पश्चिम क्षेत्र के है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पश्चिम क्षेत्र को भी बढ़ावा देने का काम किया और मेरठ में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की जिसका कार्य शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 को भय व भ्रष्टाचार से मुक्त करने का कार्य किया है।
मेरठ खेल नगरी के साथ-साथ खिलाड़ियांे के माध्यम से खेल के क्षेत्र में बडी-बडी उपलब्धियां हासिल करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के आयोजन से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा तथा आज के कार्यक्रम में सम्मिलित दिव्यांग खिलाड़ी व प्रदेश के अन्य दिव्यांग खिलाड़ियांे को इससे प्रोत्साहन मिलेगा। वह भी मेडल जीतकर देश का मान बढ़ायेंगे तथा उनको भी सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी देश व प्रदेश के खिलाड़ियांे के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालम्पिक में 54 खिलाड़ी गये थे और वह 19 मेडल जीतकर आये हैं तथा भारत की 24वीं रैंक भी आयी।
केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री डॉ0 संजीव बालियान ने कहा कि उ0प्र0 में वर्तमान सरकार से पूर्व मेडल जीतने वालों का सम्मान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री द्वारा खिलाड़ियों को सम्मान देने का कार्य सराहनीय व प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खिलाड़ियांे के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों के खिलाड़ियांे का भी सम्मान कर एक नयी मिसाल कायम की है, जो अनुकरणीय है।
डॉ0 बालियान ने कहा कि जैसे हरियाणा खेलों में आगे रहता है। इसी प्रकार उ0प्र0 भी खेलों में आगे रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरठ के सलावा गांव में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की है, जिससे खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उ0प्र0 व हरियाणा खेलों मंे आगे रहे हैं। उन्होंने सभी खिलाड़ियांे जिन्हांेने टोक्यो पैरालम्पिक में पदक जीते व प्रतिभाग किया उनका अभिनन्दन किया व उन्हें शुभकामनाएं दीं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उ0प्र0 सरकार द्वारा टोक्यो पैरालम्पिक के उ0प्र0 व प्रदेश के बाहर के खिलाड़ियांे को सम्मानित करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालम्पिक में 19 खिलाड़ी गये थे और वह 19 पदक जीत कर लाये व देश का मान बढ़ाया।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उ0प्र0 में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का अच्छा कार्य कर रही है और खेल छात्रावास भी बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में ग्वालियर में पहला दिव्यांग खेल केन्द्र बनाया जा रहा है, जिससे दिव्यांग खिलाड़ियांे को सुविधाएं मिलेगी व खेल प्रतिभाओं को निखरने का अवसर प्राप्त होगा। इसमें पुरुष व महिला वर्ग के लिए अलग-अलग छात्रावास भी बनाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनांे के हितार्थ उ0प्र0 में अच्छे कार्य किये जा रहे हैं तथा खेल के मैदान भी बनाये जा रहे हैं।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि 29 अगस्त, 2021 को उ0प्र0 में ओलम्पिक के पदक विजेताओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया और आज टोक्यो पैरालम्पिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अपने आप में अद्भुत व ऐतिहासिक है, इससे खेल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में ही नहीं बल्कि, पूरे देश के खिलाड़ियांे में एक नयी चेतना जागृत हुयी है।
खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि खिलाड़ियांे के मनोबल को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने ओलम्पिक गेम, कॉमनवेल्थ गेम, एशियन गेम, विश्व चैैम्पियन मे उ0प्र0 के पदक विजेता खिलाड़ियांे को सीधे राजपत्रित पद व पुलिस में डिप्टी एस0पी0 पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया, जिस पर प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। मुख्यमंत्री ने खेल अधिकारियों के पदों को सृजित कर उस पर भर्ती करायी, ताकि खिलाड़ियांे को सुविधा प्रदान करायी जा सके व उनको बढ़ावा मिले। प्रदेश सरकार ने विभिन्न प्रतियोगिताआंे में प्रतिभाग करने के लिए अनुदान राशि को बढ़ाया है।
खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि उ0प्र0 में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का कार्य मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रहा है, जिसके सुखद परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। उ0प्र0 में सबसे ज्यादा युवा रहते हैं तथा उ0प्र0 युवाओं का प्रदेश है। उ0प्र0 की सरकार नौजवानों की सेवा करने व उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर है। ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय स्तर व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उ0प्र0 की खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने का कार्य मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा टोक्यो पैरालम्पिक गेम्स-2020 में पदक जीतने वालो को पुरस्कार राशि प्रदान की गयी। इसमें राजस्थान की सुश्री अवनी लेखरा को शूटिंग 10 मी0 में स्वर्ण पदक व शूटिंग 50 मी0 मंे कांस्य पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये, हरियाणा के सुमित अंटिल को एथलेटिक्स (जेवलिन थ्रो) में स्वर्ण पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये, हरियाणा के मनीष नरवाल को शूटिंग 50 मी0 में स्वर्ण पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये, ओडिसा के प्रमोद भगत को बैडमिण्टन में स्वर्ण पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये, राजस्थान के कृष्णा नागर को बैडमिण्टन में स्वर्ण पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये, गुजरात की सुश्री भविना पटेल को टेबल टेनिस में रजत पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश के निषाद कुमार को एथलेटिक्स (हाईजम्प) में रजत पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, राजस्थान के देवेन्द्र झाझरिया को एथलेटिक्स (जेवलिन थ्रो) में रजत पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, हरियाणा के योगेश कठुनिया को एथलेटिक्स (डिस्कस थ्रो) में रजत पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, हरियाणा के हरविन्दर सिंह को तीरंदाजी में कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये, तथा उत्तराखण्ड के मनोज कुमार को बैडमिण्टन में कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये, गौतमबुद्धनगर उ0प्र0 के प्रवीण कुमार को एथलेटिक्स (हाईजम्प) में रजत पदक जीतने पर 04 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के मरियप्पन थंगावेलु को एथलेटिक्स (हाईजम्प) में रजत पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, गौतमबुद्धनगर उ0प्र0 के सुहास एल0वाई0 को बैडमिण्टन में रजत पदक जीतने पर 04 करोड़ रुपये, हरियाणा के सिंघराज अधाना को शूटिंग 50 मी0 में रजत पदक व शूटिंग 10 मी0 में कांस्य पदक जीतने पर 1.50 करोड़ रुपये, राजस्थान के सुंदर सिंह गुर्जर को एथलेटिक्स (जेवलिन थ्रो) में कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये, बिहार के शरद कुमार को एथलेटिक्स (हाईजम्प) में कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये, की धनराशि दी गयी। इस प्रकार, पदक विजेताओं को कुल 31 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गयी।
मुख्यमंत्री द्वारा उ0प्र0 के ऐसे खिलाड़ियांे जिनके द्वारा टोक्यो पैरालम्पिक गेम्स 2020 में प्रतिभाग किया गया, लेकिन वह बेहतर प्रदर्शन के बावजूद पदक नहीं जीत पाये, ऐसे खिलाड़ियांे को भी प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि वितरित की गयी, जिसमें गौतमबुद्धनगर के वरुण सिंह भाटी व इटावा के अजीत सिंह को पैरा एथलेटिक्स में प्रतिभाग करने पर 25-25 लाख रुपये, सम्भल के दीपेन्दर सिंह व बागपत के आकाश को पैरा शूटिंग में प्रतिभाग करने पर 25-25 लाख रुपये, मेरठ के विवेक चिकारा व मुजफ्फरनगर की सुश्री ज्योति को पैरा आर्चरी में प्रतिभाग करने पर 25-25 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। इस प्रकार, प्रदेश के 06 प्रतिभागी खिलाड़ियों को कुल 1.50 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गयी।
कार्यक्रम के दौरान ओलम्पिक व पैरालम्पिक पर बनायी गयी डॉक्यूमेण्ट्री प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में मूक बधिर व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था के तहत सत्य नाथ वाणी केन्द्र मूक बधिर स्कूल की अध्यापिका मुरादाबाद निवासी पूनम कुमारी ने मूक बधिर व्यक्तियों के लिए उन्हीं की शब्दावली में कार्यक्रम के प्रत्येक चरण का प्रस्तुतीकरण किया, जिससे उन्हें भी समझने में सहजता हो और वह कार्यक्रम को देख व समझ पाये। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से यह व्यवस्था की गयी। कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रगान हुआ।
इस अवसर पर जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, आयुक्त मेरठ मंडल सुरेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी के0 बालाजी सहित अन्य अधिकारी व उद्यमी उपस्थित रहे।