ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा है कि इराक के सद्दाम हुसैन की तरह ही ट्रंप भी ईरान से टकराव के कारण विफल होंगे। यह बात उन्होंने शनिवार को कही। साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपनी मिसाइल खत्म नहीं करेंगे।
अमेरिका और ईरान के बीच इस वक्त काफी तनाव की स्थिति चल रही है। ट्रंप ने ईरान के साथ हुई न्यूक्लियर डील को खत्म कर दिया था। जिसके बाद इनके रिशते बिगड़ते चले गए।
फिर ट्रंप ने भी बीते महीने ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए। रूहानी ने एक सरकारी टेलीविजन पर अपने भाषण में कहा कि ट्रंप को भी सद्दाम हुसैन की तरह अंजाम भुगतना होगा। उन्होंने आगे कहा कि ईरान अपने रक्षात्मक हथियार खत्म नहीं करेगा, जिनमें मिसाइल भी शामिल है, इसे ही लेकर अमेरिका गुस्से में है।
बता दें अमेरिका ने उन देशों को भी चेतावनी दी है जो ईरान के साथ व्यापार कायम रखते हैं। बीते दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री माइप पॉम्पियो ने कहा था कि अमेरिका के ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध नवंबर से लागू होंगे। अगर कोई भी देश उससे व्यापारिक संबंध बनाए रखता है तो उससे अलग नियमों के माध्यम से निपटा जाएगा।
ट्रंप दे चुके हैं चेतावनी
उल्लेखनीय है कि भारत ने हाल ही में अपने रिफायनर्स को ईरान से तेल खरीदने की इजाजत दे दी थी। साथ ही कहा था कि अगर इससे उनका कोई नुकसान होता है तो सरकार उस नुकसान की भरपाई करेगी। साथ ही चीन भी एक ऐसा देश है जो ईरान से तेल आयात कर रहा है।
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए ईरान पर निर्भर करता है
अमेरिकी संसद की शोध और परामर्श इकाई कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की 11 सितंबर में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का ही पालन करता है।
वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए भी ईरान पर निर्भर करता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यही कारण है कि ईरान से तेल खरीदने संबंधी अमेरिकी प्रतिबंध का भारत विरोध कर सकता है।
लेकिन ट्रंप सरकार इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर सकती है। साथ ही ट्रंप उन देशों और कंपनियों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दे चुके हैं जो चार नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद नहीं करेंगे।