ईमेल के अधिक इस्तेमाल के कारण बॉस न केवल कर्मचारियों के लिए बुरे बन रहे हैं, बल्कि इससे उनको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अड़चन भी आ रही है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। यह अध्ययन अप्लाइड साइकोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो बताता है कि ईमेल किस प्रकार एक मुखिया के तौर पर मैनेजर (प्रबंधक) की उत्पादकता और उनकी भूमिका को प्रभावित करते हैं।
इस तरह किया अध्ययन
अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (एमएसयू) के शोधकर्ताओं द्वारा किए अध्ययन में उन्होंने दो सप्ताह तक दिन में दो बार सर्वेक्षण करके डाटा एकत्र किया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, आंकड़ों से पता चला कि प्रबंधक ईमेल पढ़ने में रोजाना 90 मिनट से ज्यादा समय देते हैं। वहीं, सप्ताह भर की बात करें तो ईमेल पढ़ने में करीब साढ़े सात घंटे खर्च किए जाते है। इसका मतलब यह हुए कि इतने समय तक काम प्रभावित होता है।
एमएसयू के रसेल जॉनसन के अनुसार, ज्यादातर टूल्स की तरह ईमेल उपयोगी है, लेकिन यह हानिकारक साबित हो रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो इसके दुरुपयोग या ज्यादा इस्तेमाल नुकसान कर रहा है। जब प्रबंधक मेलबाजी में उलझे रहते हैं तो वे अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ रहे होते हैं और अंतत: अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। एक नेतृत्व करने वाले के तौर पर इसका बुरा प्रभाव उनके अधीनस्थ कर्मचारियों पर पड़ता है।
जॉनसन कहते हैं, अध्ययन के दौरान हमने पाया कि प्रबंधकों को संरचना व्यवहार को छोड़कर लीडर व्यवहार पर वापस आना चाहिए। सरल शब्दों में कहें, तो अभी जिस तरह का काम चल रहा है उसके स्थान पर प्रबंधकों को अपने पुराने रूप में वापस आने की जरूरत है। इसके तहत उन्हें अपने व्यवहार से अपने अधीनस्थों को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने और काम के महत्व को बताना चाहिए। इससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी और वे बॉस को पसंद भी करेंगे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रबंधकों को प्रबंध करने के अलावा छोटे-छोटे काम भी निपटाने चाहिए ताकि उनकी उत्पादन क्षमता बरकरार रहे और खुद को नकारा महसूस होने वाली भावना विकसित न हो।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ईमेल का कर्मचारियों की तुलना में प्रबंधकों पर ज्यादा खराब असर पड़ता है। इसके कारण उनकी रणनीतिक और नेतृत्व क्षमता में गुणात्मक गिरावट देखने को मिलती है। इससे जहां वे अपने लक्ष्य को पाने में चूकते हैं, वहीं अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए भी बुरे बनते हैं।