वाराणसी। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी कान्हामय होने लगी है। शहर के प्रमुख श्रीकृष्ण मंदिरों के साथ घरों में भी शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां चलती रहीं। जन्माष्टमी उल्लासपूर्ण माहौल में मनाने के लिए लोग अपने-अपने तरीकों से तैयारियों में जुटे हैं। मंदिरों और घरों में रंगबिरंगी विद्युत की लड़ियों को सजाया जा रहा है। त्यौहार को लेकर बाजारों में भी गहमागहमी बढ़ गई है। शहर में हरे राम-हरे कृष्ण संकीर्तन सोसाइटी में तीन दिवसीय जन्मोत्सव को महा उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है। शुरुआत रविवार से होगी।
महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में भी रविवार से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जायेगा। शुरुआत महामंत्र और हरिनाम से होगा। कोरोना काल को देखते हुए शोभायात्रा और भंडारे को स्थगित कर दिया गया है। इसी तरह चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी 30—31 अगस्त को कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन कर मनाई जाएगी। मंदिर में सोमवार 30 अगस्त को पंचामृत,तिलक, उत्थापन के साथ प्रभु के जन्म का दर्शन होगा।
बताते चलें कि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सनातनधर्मी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 29 अगस्त रविवार को रात्रि 10:10 बजे लग जा रही है। अष्टमी तिथि रात 12:14 बजे तक रहेगी। ज्योतिर्विद मनोज पाठक के अनुसार रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को प्रातः 6:42 बजे से लग रही है । जो अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 9 बज कर 19 मिनट तक रहेगी। इस बार रोहिणी तथा अष्टमी का योग होने से पर्व खास है।
मनोज पाठक बताते हैं कि जन्माष्टमी पर भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय का योग बन रहा है, जिसे जयंती योग कहते हैं। इस साल की जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है। यह बहुत ही दुर्लभ योग है। ऐसे योग कई वर्षों में एक बार बनते हैं। इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धियोग भी बन रहा है, जो जन्माष्टमी व्रत को सिद्ध कर मनाेकामनाओं की पूर्ति का योग बना रहा है।