- गन्ना किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम
- समितियों में बने आईटी केन्द्र से किसानों को दी जाएगी पर्ची
- हेल्पलाइन का काम भी करेंगे आईटी केन्द्र
लखनऊ। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों को समय पर भुगतान के साथ-साथ उनको लगातार सहूलियत देने का काम कर रही है। गन्ना किसानों को समय पर सुव्यवस्थित तरीके से गन्ना पर्ची उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश की सभी 145 गन्ना कोऑपरेटिव सोसाइटी में आईटी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इससे चीनी मिलों को गन्ना बेचने वाले 4.5 करोड़ किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ उनको तकनीक से जोड़ने का काम रही है। सरकार ने गन्ना किसानों से समय पर खरीद और भुगतान में रिकार्ड भी कायम किया है। इसी क्रम में पेराई सत्र 2021 -22 में किसानों को और राहत देने के लिए गन्ना विकास विभाग प्रदेश की गन्ना कोआपरेटिव सोसाइटी में आईटी केन्द्र स्थापित करने जा रहा है। यहां से किसानों को गन्ना पर्ची देने के साथ उनके लिए हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी, ताकि कोई समस्या होने पर उनको इधर-उधर भटकना न पड़े। एक ही जगह पर उनकी समस्या का हल हो जाए।
आईटी केन्द्र पर यह होंगी व्यवस्थाएं
गन्ना समितियों में बनने वाले आईटी केन्द्रों पर हाईस्पीड इंटरनेट के साथ बिजली की समस्या से निपटने के लिए पावर बैकअप की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके अलावा यहां पर कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि की व्यवस्था भी गन्ना विभाग करेगा। विभाग के अनुसार आईटी केन्द्र स्थापित होने के बाद किसानों को छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उनके समय की बचत होगी।
सरकार के प्रयास लाए रंग बढ़ी उपज
सरकार के गन्ना किसानों को लगातार सहूलियत उपलब्ध कराने के प्रयास रंग ला रहे हैं। प्रदेश में लगातार गन्ने की उपज में बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है। पेराई सत्र 2020-21 में यूपी की औसत गन्ना उपज 815 कुं/हे हुई है। अपर मुख्य सचिव गन्ना एवं आबकारी संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक गन्ना विकास विभाग की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और गन्ना किसानों की मेहनत से यूपी में गन्ना उपज को बढ़ाया जा सका।