ज्योतिषाचार्य एस.एस.नागपाल : श्रावण शुल्क पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन रविवार 22 अगस्त को है। यह त्यौहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधे रखता है।
इस दिन बहनें व्रत रखकर शुभ मुर्हूत में अपने भाई को राखी बांधती है और टीका लगाती है। भाई बहनों को रक्षा का वचन और उपहार देतें है। भगवान कृष्ण के एक बार हाथ में चोट लग गई थी, तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ में बंधा था। श्री कृष्ण ने उसे रक्षा सूत्र मानते हुये कौरवों की सभा में द्रोपदी की लाज बचाई थी ।
शनिवार 21 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सांयकाल 07:00 से प्रारम्भ होकर रविवार 22 अगस्त सांयकाल 5:31 तक है। भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए इस वर्ष 22 अगस्त को भद्रा प्रातः 06:15 समाप्त हो जायेगी। 22 अगस्त को प्रातः 6:15 के बाद पूरे दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस शुभ संयोग को अति उत्तम माना गया है। माना जाता है कि इस संयोग में रक्षाबंधन भाई और बहन दोनों के लिए शुभकारक और लाभ फलदायी होगा।
इस वर्ष रक्षाबंधन का शुभ समय प्रातः 06:15 से शाम 05:31 तक है।