देश की कृषि नीतियों में छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है: प्रधानमंत्री

देश की कृषि नीतियों में छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है: प्रधानमंत्री

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक  01 लाख 60 करोड़ रु0 किसानों को दिए गए
  • आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा: प्रधानमंत्री
  • कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने कहा कि आज देश की कृषि नीतियों में छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसी भावना के साथ बीते सालों में छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा देने का एक गंभीर प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 01 लाख 60 करोड़ रुपए किसानों को दिए गए हैं। आज भारत कृषि निर्यात के मामले में पहली बार दुनिया के टॉप-10 देशों में पहुंचा है। कोरोना काल में देश ने कृषि निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए हैं।

प्रधानमंत्री  ने यह विचार आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साढ़े 09 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में लगभग 19,500 करोड़ रुपए की सम्मान राशि के हस्तांतरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने पी0एम0 किसान तथा कृषि अवसंरचना कोष के लाभार्थियों, जिनमें जनपद कासगंज के कृषक/एफ0पी0ओ0 प्रमुख श्यामा चरण उपाध्याय तथा गोवा, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखण्ड और मणिपुर के कृषक शामिल थे, से संवाद किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  भी वर्चुअल रूप से सम्मिलित हुए।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि आज जब भारत की पहचान एक बड़े कृषि निर्यातक देश के रूप में बन रही है, तब हम खाद्य तेल की अपनी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहें, ये उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि खाने के तेल में आत्मनिर्भरता के लिए अब राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम यानि छडम्व्-व्च् का संकल्प लिया गया है। खाने के तेल की कमी को दूर करने और इसमें आत्मनिर्भर बनने के दृष्टिगत यह मिशन लागू किया जा रहा है। इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल से जुड़े इकोसिस्टम पर 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उत्तम बीज से लेकर टेक्नोलॉजी, हर सुविधा मिले। आज जब देश भारत छोड़ो आंदोलन को याद कर रहा है, तो इस ऐतिहासिक दिन ये संकल्प हमें नई ऊर्जा से भर देता है।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो उन्होंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया। परिणाम यह हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सरकार ने खरीफ हो या रबी सीजन, किसानों से एम0एस0पी0 पर अब तक की सबसे बड़ी खरीद की है। इससे, धान किसानों के खाते में लगभग 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए और गेहूं किसानों के खाते में लगभग 85 हजार करोड़ रुपए डायरेक्ट पहुंचे हैं। वर्ष 2047 में देश जब आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब भारत की स्थिति क्या होगी, यह तय करने में देश की खेती और किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है। यह समय भारत की कृषि को एक ऐसी दिशा देने का है, जो नई चुनौतियों का सामना कर सके और नए अवसरों का लाभ उठा सके।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि आगामी 15 अगस्त को इस बार देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। यह महत्वपूर्ण पड़ाव हमारे लिए गौरव का विषय तो है ही, यह नए संकल्पों, नए लक्ष्यों का भी अवसर है। इस अवसर पर हमें तय करना है कि आने वाले 25 वर्षों में हम भारत को कहां देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी के कारण समाज में तेजी से बदलाव आए हैं। लोग खान-पान को लेकर जागरूक हुए हैं। जैविक उत्पादों की मांग बढ़ी है। महामारी के दौरान किसानों ने रिकाॅर्ड उत्पादन किया है। ‘मिशन हनी बी’ के तहत 700 करोड़ रुपए मूल्य के शहद का निर्यात किया गया है। जम्मू और कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध केसर की मांग बढ़ी है।

प्रधानमंत्री  ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी समृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी आय दोगुनी करने के सभी प्रयास कर रही है। डी0ए0पी0 का मूल्य बढ़ने पर राज्य सरकार द्वारा 1200 रुपए प्रति बोरी की सब्सिडी दी गई, जिससे डी0ए0पी0 के मूल्य नियंत्रित हैं। किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्हें नई तकनीकों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। दो करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए गए, जिससे उन्हें कोरोना संकट के दौरान कोई दिक्कत नहीं हुई। आज एफ0पी0ओ0 का बड़ा लाभ छोटे किसानों को मिल रहा है। किसानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने के लिए किसान रेल चल रही है। मण्डियों को मजबूत किया जा रहा है। जैसे-जैसे बड़ी संख्या में किसान एफ0पी0ओ0 से जुडेंगे, वे अपनी उपज विदेशी बाजारों में भी बेच सकेंगे।

ज्ञातव्य है कि दिसम्बर, 2018 से लागू प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को सहायता पहुंचायी जा रही है। योजना के प्रारम्भ से वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अप्रैल से जुलाई चतुर्मास तक किसानों को कुल 32,591 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। वर्ष 2021-22 के द्वितीय चतुर्मास हेतु प्रदेश के सवा दो करोड़ लाभार्थियों को आज प्रधानमंत्री  द्वारा 4,500 करोड़ रुपए की धनराशि का अन्तरण किया गया है।

इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को वर्ष 2018-2019 में 2,195 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-2020 में 10,884 करोड़ रुपये, वर्ष 2020-21 में 14,309 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम चतुर्मास में किसानों को 5,183 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

भारत सरकार द्वारा कृषि अवसंरचना निधि की स्थापना 08 जुलाई, 2020 में की गयी है, जिससे कृषक अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें। इस उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु भारत सरकार द्वारा फार्मगेट एवं समेकन केन्द्र (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादन संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, मण्डी समिति, एफ0पी0ओ0) के वित्त पोषण के लिए एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सुविधा कृषि अवसंरचना निधि के द्वारा सुविधा प्रदान की गयी है। योजना के अन्तर्गत प्रदेश के शेड्यूल काॅमर्शियल बैंकों को कुल 197 परियोजनाओं के आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी लागत 218 करोड़ रुपये है।

इन आवेदनों में से 20 करोड़ रुपये की 20 परियोजनाओं की स्वीकृति के बाद प्रथम किश्त वितरित की गई है, वर्तमान में पी0एम0यू0 तथा विभिन्न शेड्यूल काॅमर्शियल बैंक के स्तर पर 74 आवेदन जिनकी परियोजना लागत 126 करोड़ रुपये है, प्रक्रियाधीन है। कृषि अवस्थापना निधि के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के पैक्स को नाबार्ड की मल्टी सर्विस सेन्टर योजना के तहत 1,100 पैक्स के आवेदन पोर्टल पर प्राप्त किये गये हैं, जिनमें से 549 पैक्स के लगभग 120 करोड़ रुपये के डी०पी०आर० नाबार्ड द्वारा स्वीकृत किया गया है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अब तक कुल 250 पैक्स के प्रस्ताव, जिनकी लागत लगभग 45 करोड़ रुपए है, स्वीकृत है। 170 पैक्स को प्रथम किश्त प्रति पैक्स 4.25 लाख की दर से कुल 10 करोड़ रुपए प्राप्त है।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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