आजादी दिलाने में देशभक्तों के इतिहास से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता: राज्यपाल

आजादी दिलाने में देशभक्तों के इतिहास से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता: राज्यपाल
  • प्रधानमंत्री  कहते हैं कि जब वे एक स्टेप आगे बढ़ते हैं, तो देश की 136 करोड़ जनता 136 करोड़ स्टेप आगे बढ़ती है, जब सब मिलकर कार्य करते हैं, तो उसके परिणाम भी सकारात्मक आते हैं: राज्यपाल
  • प्रधानमंत्री  के कुशल नेतृत्व में देश में आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा: मुख्यमंत्री
  • राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने काकोरी ट्रेन एक्शन के शहीदों के परिजनों को एकादश गौरव सम्मान से सम्मानित किया
  • कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया
  • चित्र प्रदर्शनी तथा म्यूरल प्रदर्शनी का अवलोकन किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल  तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने आज यहां काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ पर काकोरी शहीद स्मारक स्थल पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने चित्र प्रदर्शनी तथा म्यूरल प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल  ने कहा कि आजादी दिलाने में देशभक्तों के इतिहास से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री  ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन कर, स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास से लोगों को परिचित कराने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हमें देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। इसके लिए जातिवाद को समाप्त करते हुए राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना चाहिए।

राज्यपाल  ने कहा कि प्रधानमंत्री  कहते हैं कि जब वे एक स्टेप आगे बढ़ते हैं, तो देश की 136 करोड़ जनता 136 करोड़ स्टेप आगे बढ़ती है। जब सब मिलकर कार्य करते हैं, तो उसके परिणाम भी सकारात्मक आते हैं। कोरोना काल खण्ड में सभी लोगों ने मिल-जुलकर कार्य किया, जिसके फलस्वरूप कोरोना पर प्रभावी अंकुश लगा। उन्होंने कहा कि देश ने मेरे लिए क्या किया है यह नहीं सोचना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि हमने देश के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि हमारी यह सोच व संकल्प होना चाहिए कि मैं कभी कोई गलत काम नहीं करूंगा, जो काम करूंगा सही काम करूंगा, देशहित व राज्यहित में काम करूंगा। यह सोच लेकर उत्तर प्रदेश देश का उत्तम प्रदेश बन सकता है। उन्होंने  काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रान्तिकारी शहीदों के परिवारों एवं कारगिल के शहीदों के परिजनों को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री  को बधाई दी।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के कुशल नेतृत्व में देश में आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी को शहीदों के बलिदान व उनके त्याग का महत्व पता चल सके और उससे प्रेरणा लेकर वह देश को आगे बढ़ाने में योगदान कर सके।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि 04 फरवरी, 2021 को गोरखपुर से चौरी-चौरा की घटना के शताब्दी समारोह का शुभारम्भ किया गया था। उस समय प्रधानमंत्री  ने देश में आजादी के आन्दोलन में योगदान देने वाले सभी शहीदों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए, पूरे देश में वर्ष 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित करने के लिए एक कार्य योजना उपलब्ध करायी थी। प्रधानमंत्री  ने 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव प्रारम्भ किया था, जो 75 सप्ताह तक आयोजित किया जाएगा। आज का यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री  ने देश को अमृत महोत्सव के पंच सूत्र दिये हैं। यह सूत्र हैं-आजादी का अमृत महोत्सव यानि आजादी की ऊर्जा का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानि स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानि नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानि आत्मनिर्भरता का अमृत। यह 05 स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन में क्रान्तिकारियों को केवल 4600 रुपये मिले थे। लेकिन अंग्रेजों ने इस पूरी घटना से जुड़े सभी क्रान्तिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में 10 लाख रुपये खर्च किये। काकोरी एक्शन की घटना हमें सदैव इस बात का एहसास कराती है कि देश की स्वाधीनता से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय का यह दायित्व है कि हम देश की आजादी को हर हाल में सुरक्षित रखें।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन के माध्यम से पं0 रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में क्रान्तिकारियों के दल ने देश के क्रान्तिकारी आन्दोलन को आगे बढ़ाया। देश में क्रान्ति की ज्वाला बुझने न पाये, बन्द न होने पाये, इसके लिए पं0 रामप्रसाद बिस्मिल, ठा0 रोशन सिंह, अशफाक-उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, चन्द्रशेखर आजाद जैसे महान क्रान्तिकारियों ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि देश अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी झुका नहीं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्रान्तिकारी गतिविधियां होती रहीं। सामूहिक रूप से देश के प्रथम स्वातंत्र्य समर-सन् 1857 की क्रान्ति में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पाण्डेय तथा मेरठ के क्रान्तिकारियों ने देश के विभिन्न स्थानांे पर क्रान्ति की लौ को आगे बढ़ाया। चौरी-चौरा की घटना इसकी अगली कड़ी थी। काकोरी टेªन एक्शन ने उस कड़ी को नयी मजबूती देते हुए भारत में ब्रिटिश हुकूमत की जड़ों को हिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

क्रूर ब्रिटिश हुकूमत ने इन सभी क्रान्तिकारियों को बड़ी यातनाएं दीं। पं0 रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में फांसी दी गयी। ठा0 रोशन सिंह, अशफाक-उल्ला खां तथा राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को क्रमशः इलाहाबाद, फैजाबाद एवं गोण्डा की जेलों में फांसी दी गयी। चन्द्रशेखर आजाद को ब्रिटिश हुकूमत पकड़ नहीं पायी। उन्होंने अन्तिम दम तक लड़ते हुए शहादत प्राप्त की थी। महान क्रान्तिकारियों की यह वीर गाथा हम सबको आजादी की लड़ाई को सुरक्षित रखने की प्रेरणा देती है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि सन् 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम तथा अन्य क्रान्तिकारी घटनाओं को देश के स्वाधीनता आन्दोलन के इतिहास में अमिट व स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। इन प्रेरक घटनाओं के प्रति प्रत्येक भारतीय सम्मान का भाव रखता है। यह घटनाएं हमें इस बात का एहसास कराती हैं कि स्वतंत्रता आन्दोलन में देश की हर जाति और समुदाय ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। जब भारत एक स्वर में बोलता है, जब व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर भारत का प्रत्येक नागरिक एक साथ चलता है, तो दुनिया के अन्दर एक बड़ी ताकत बनकर उभरता है।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हम सबको यही ताकत दिखाने की आवश्यकता है। दुनिया को एहसास कराने की आवश्यकता है कि 136 करोड़ की आबादी का यह भारत जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा या अन्य किसी भी प्रकार के भेदों से ऊपर उठकर केवल अपने एक धर्म से जुड़ा है और वह है हमारा राष्ट्रधर्म। राष्ट्रधर्म से जुड़कर भारत की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए यदि प्रत्येक भारतीय अपने कर्तव्यों का निर्वहन प्रारम्भ कर दे, तो निश्चित ही भारत एक महाशक्ति के रूप में दुनिया के सामने उभरेगा।

मुख्यमंत्री  ने काकोरी ट्रेन एक्शन की 97वीं वर्षगांठ पर देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों तथा विभिन्न युद्धों में देश की आन्तरिक तथा वाह्य सुरक्षा के लिए पूरी वीरता के साथ लड़कर भारत माता की एक-एक इंच जमीन की रक्षा कर, देश को सुरक्षित माहौल देने वाले सभी अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री  व मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में देश व प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इससे आने वाली पीढ़ियां स्वाधीनता सेनानियों के त्याग, बलिदान और संघर्ष जान सकेंगी। उन्होंने कहा कि काकोरी टेªेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास का एक टर्निंग प्वाइंट था।

राज्यपाल  व मुख्यमंत्री  ने काकोरी ट्रेन एक्शन के शहीदों के परिजनों को एकादश गौरव सम्मान से सम्मानित किया। इसमें शहीद रामप्रसाद खत्री, शहीद राजेन्द्र नाथ बख्शी, शहीद रोशन सिंह, शहीद अशफाक-उल्ला खां के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों कैप्टन मनोज पाण्डेय, मेजर रितेश शर्मा, मेजर अमित कुमार त्रिपाठी, रायफल मैन सुनील जंग के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की छात्राओं द्वारा इस अवसर पर काकोरी ट्रेन एक्शन थीम पर एक नृत्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया गया।

कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, विधान परिषद सदस्य स्वतंत्रदेव सिंह, विधायक श्रीमती जय देवी, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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