शिमला। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के सांगला क्षेत्र में रविवार को हुए भूस्खलन ने दिल्ली एवं तीन राज्यों के पर्यटकों को मौत की नींद सुला दिया। पहाड़ी से गिरे विशालकाय पत्थरों ने पर्यटकों से भरी टैंपो ट्रैवलर को चकनाचूर कर दिया। इस दर्दनाक हादसे में चार महिलाओं समेत नौ पर्यटकों की मौके पर मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हैं। हादसे का शिकार हुए मृतक राजस्थान, छतीसगढ़, दिल्ली और महाराष्ट्र के रहने वाले थे। इस दर्दनाक हादसे में राजस्थान के एक परिवार के तीन सदस्यों की जान चली गई। मृतकों में मां और उसके बेटा-बेटी शामिल हैं।
किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि भूस्खलन से मरने वाले पर्यटकों की शिनाख्त कर ली गई है। इनमें राजस्थान की सिक्कर निवासी माया देवी बियानी (55), बेटा अनुराग बियानी (31), बेटी रिचार बियानी (25), महाराष्ट्र की नागपुर निवासी प्रतीक्षा सुनील पाटिल (27), राजस्थान की जयपुर निवासी दीपा शर्मा (34), छतीसगढ़ के कोरबा डारी निवासी अमोघ बापत (27), छतीसगढ़ के सतीश कटाकपर (34), चालक उमराब सिंह (42) निवासी दिल्ली और कुमार उल्हास वेदपाठक (37) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली निवासी शिरिल आबराॅय (39), नवीन बहादुर (37) निवासी मोहाली पंजाब और एक राहगीर रंजीत सिंह (45) निवासी सांगला जिला किन्नौर भूस्खलन की चपेट में आने से घायल हुए हैं। ये सभी उपचाराधीन हैं।
उपायुक्त ने कहा कि शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। भूस्खलन की इस घटना में बस्पा नदी पर बना एक पुल पूरी तरह ध्वस्त हुआ है, वहीं कई खड़ी कारें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने पर्यटकों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न आने की सलाह दी है। इसके साथ ही नदी-नालों से भी दूरी बनाए रखने को कहा है।