- नोएडा के बाद अब गीडा बना उद्योगपतियों का नया डेस्टिनेशन
- बीते चार वर्षों में 259 उद्योगपतियों ने गीडा से ली जमीन, लगाई फैक्ट्री
- कोकाकोला और बिडला ग्रुप को भी चाहिए गीडा से फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन
- गोरखपुर में 1000 करोड़ रुपए का हो चुका निवेश, जल्दी होगा 1500 करोड़ रुपए का और निवेश
लखनऊ। पूर्वांचल के प्रमुख शहर गोरखपुर में देश के बड़े -बड़े उद्योगपति अब नोएडा की तर्ज पर अपने उद्यम (फैक्ट्री) लगाने लगे हैं। बीते चार वर्षों में देश के छोटे बड़े 259 उद्योगपतियों ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) से फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली है। उद्योगपतियों की इस पहल से गोरखपुर में 1000 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है और करीब 1500 करोड़ रुपए के निवेश इस वर्ष के अंत तक देश के बड़े उद्योगपति यहां करेंगे। इनमें आदित्य बिडला ग्रुप और कोकाकोला कंपनी भी शामिल है। इन बड़े औद्योगिक घरानों और कंपनियों ने गोरखपुर में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए गीडा से जमीन देने के लिए संपर्क किया है। बड़े -बड़े उद्योपतियों को फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने के साथ ही गीडा के अधिकारी अब गोरखपुर में बड़े निवेशकों को लाने के लिए प्लास्टिक पार्क और टेक्सटाइल पार्क की स्थापना तथा फ्लैटेड फैक्ट्री जैसी कई परियोजना पर काम कर रहें हैं। जिसके आधार पर अब यह दावा किया जा रहा है कि जल्दी ही गोरखपुर को पूर्वांचल के एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाने लगेगा।
यह दावा अकारण नहीं है। बीते चार वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से गोरखपुर के विकास पर ध्यान दिया है, उसके चलते गोरखपुर शहर को नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री द्वारा गोरखपुर के विकास को लेकर शुरू कराई गई 30,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली योजनाएं अब आकार ले चुकी हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां उद्योगों के लिए नई जमीनों का विकास और गारमेंट पार्क (टेक्सटाइल पार्क ) जैसी योजनाएं औद्योगिक माहौल के लिए उत्प्रेरक का कार्य कर रहीं हैं। एक वक्त था जब गोरखपुर में पर्यटन का दायरा गोरखनाथ मंदिर तक ही सिमट कर रह जाता था, लेकिन अब तारामंडल इलाका गोरखपुर के पर्यटन हब के रूप में उभर रहा है। यहां का रामगढ़ताल अब मुंबई के मरीन ड्राइव की याद दिलाता है। गोरखपुर में शुरू हुई विकास योजनाओं से पूर्वांचल के करीब डेढ़ दर्जन जिले सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं। गोरखपुर के इस बदलते परिवेश और प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते अब देश के बड़े बड़े निवेशक गोरखपुर में निवेश को आतुर हैं। फूडप्रोसेसिंग से लेकर तरह तरह के उद्योग यहां लगाए जा रहे हैं। गीडा के आंकड़ों से इसका खुलासा होता है।
गीडा के अफसरों के मुताबिक़ वर्ष 2017 से अबतक 259 छोटे बड़े उद्योगपतियों ने गीडा से जमीन लेकर अपनी फैक्ट्री यहां के भीटी रावत औद्योगिक क्षेत्र में लगाई हैं और लगा रहें हैं। यहां 1000 करोड़ रुपए का निवेश कर स्थापित की गई फैक्ट्रियों में पांच हजार लोगों को स्थायी रोजगार मिला हैं। बीते चार वर्षो के दौरान गैलेंट इस्पात लिमिटेड, शुद्ध प्लस हाईजिन, क्रेजी बेकरी उद्योग, अंकुर उद्योग लिमिटेड, स्पाइस लेमिनेट्स प्राइवेट लिमिटेड, आदित्य मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया ग्लाईकाल प्राइवेट लिमिटेड, आरके आक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड, सर्वोत्तम फिड्स ने अपनी फैक्ट्री स्थापित कर उत्पादन शुरू कर दिया है। वही दूसरी तरफ मल्टीनेशनल कंपनी कोकाकोला ने गोरखपुर में बॉटलिंग प्लांट लगाने के लिए गीडा से 32 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है। कोकाकोला यहां 200 करोड़ रुपए निवेश कर जो बॉटलिंग प्लांट बनायेगी, उसमें कम से कम 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार देश के प्रमुख औद्योगिक घराने आदित्य बिड़ला समूह ने गोरखपुर में पेंट बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 70 एकड़ भूमि गीडा से उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। आदित्य बिड़ला समूह करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश कर फैक्ट्री की स्थापना करना चाहता है। गीडा में बढ़ती सुविधाओं के चलते ही बड़ी कंपनियों और बड़े औद्योगिक घराने अब गोरखपुर में निवेश की इच्छा जता रहें हैं।
यह सब देखते हुए अब गीडा के अधिकारी अब गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क तथा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना और फ्लैटेड फैक्ट्री जैसी कई परियोजना को शुरू करने की मुहिम में जुटे हैं, ताकि बड़ी कंपनियों और बड़े उद्योगपति इनमें निवेश करें। यहां प्लास्टिक पार्क 50 एकड़ में बनेगा। इसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने का प्रस्ताव किया है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से इस पार्क की स्थापना के लिए भारत सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसी तरह टेक्सटाइल पार्क के लिए भी गोरखपुर में जमीन चिन्हित की गई है। इस पार्क में भी टेक्सटाइल कारोबारी अपनी फैक्ट्री लगाने को आतुर हैं। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ औद्योगिक निवेश करने के लिए गीडा भूमि अधिग्रहित कर रहा है। करीब 7,000 करोड़ रु. की लागत से से बना खाद कारखाना भी जल्दी काम करना शुरू कर देगा। इस खाद कारखाने में रोजाना 3,850 मीट्रिक टन खाद का उत्पादन होगा। इसके चलते भी यहां औद्योगिक निवेश में इजाफा होने की उम्मीद गीडा के अफसरों को है। इन अफसरों का कहना है कि रेलवे और सड़क के बेहतर नेटवर्क तथा फैक्ट्री लगाने के लिए सुविधाओं से युक्त औद्यगिक क्षेत्र होने के चलते अब बड़े-बड़े उद्योगपति नोयडा की तर्ज पर गोरखपुर में निवेश करने की पहल कर रहें हैं। कुल मिलकर यह कहा जा सकता है कि नोएडा के बाद अब गीडा उद्योगपतियों का नया डेस्टिनेशन बन गया है।