राघवेन्द्र प्रताप सिंह : लखनऊ. आर्थिक अपराध अनुसंधान ईकाई (ईओडब्ल्यू) ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विवेचना के बाद उन्हें आय से अधिक संपत्ति रखने का दोषी नहीं पाया है| विवेचक एसपी ईओडब्ल्यू डीपीएन पाण्डेय द्वारा की गयी विवेचना में पाया गया कि वर्ष 1992 से 2015 के बीच अमिताभ की कुल आय रु० 1.30 करोड़ थी जबकि उनकी कुल परिसंपत्ति तथा व्यय रु० 90 लाख थी, जो उनकी आय से काफी कम है|
ईओडब्ल्यू ने अपनी विवेचना में यह भी पाया कि अमिताभ की पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर आर्थिक रूप से स्वतंत्र थीं तथा इस अवधि में उनकी कुल आय रु० 92 लाख थी जबकि उनकी कुल परिसंपत्ति तथा व्यय रु० 90 लाख थी। इस प्रकार ईओडब्ल्यू ने अमिताभ के खिलाफ मामले को समाप्त करने की संस्तुति कर अपनी आख्या शासन को भेजी है।
अमिताभ द्वारा 11 जुलाई 2015 को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह के खिलाफ शिकायत देने के 2 दिन बाद 13 जुलाई को उनके खिलाफ शुरू की गयी सतर्कता जाँच में सतर्कता अधिष्ठान द्वारा 2 माह से भी कम समय में 04 सितम्बर 2015 को उनके पास आय से अधिक संपत्ति होने की आख्या शासन को भेजी थी जिसके आधार पर 16 सितम्बर 2015 को उनके खिलाफ थाना गोमतीनगर, लखनऊ में मु०अ०स० 746/2015 धारा 13(1)(ई) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दर्ज हुआ था। हाई कोर्ट के आदेश पर फ़रवरी 2016 में मुक़दमा ईओडब्ल्यू को ट्रान्सफर हुआ।
मुकदमे में हो रहे विलंब पर अमिताभ इलाहबाद हाई कोर्ट गए थे जिसपर कोर्ट ने 10 सप्ताह में मुक़दमा समाप्त करने के आदेश दिए थे। इसका पालन नहीं होने पर अमिताभ की याचिका पर हाई कोर्ट ने श्री पाण्डेय को अवमानना नोटिस जारी किया था.।