- जनपद में आनलाइन ओपीडी सेवा तहत 45876 मरीजो का हुआ इलाज
बाराबंकी । कोरोना काल में घर बैठे समुचित इलाज के लिए सरकार ने ऑनलाइन ओपीडी ( ई-संजीवनी) की व्यवस्था की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस आनलाइन सेवा के माध्यम से जनपद बाराबंकी में लाकडाउन के दौरान 45 हजार 876 मरीजो का सफल इलाज मिल सका। आनलाइन ओपीडी सेवा रैकिंग में जिला बाराबंकी प्रदेश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। आनलाइन नि:शुल्क इलाज की यह नवीनतम तकनीक यहां के मरीजों के लिए कोविड के दौर में कारगर साबित हुई है।
नोडल अधिकारी डॉ केएन एम त्रिपाठी ने बताया जनपद में ईसंजीवनी हब में प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं पीजीआई के विशेषज्ञों द्वारा एवं मंडल स्तर पर तैनात डॉक्टर्स के द्वारा मरीजों की समस्याओं को सुनकर उनका इलाज किया गया। कोविड 19 के दौर में सीएचओ के साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रियता के चलते आनलाइन ओपीडी सेवा कारगर साबित हो रही है। ई संजीवनी ओपीडी के अलावा सीएचओ द्वारा कोरोना टीका सेंपलिंग में बढ़-चढ़कर योगदान दिया जा रहा है। इसके फलस्वरूप प्रदेश में बाराबंकी की रैंकिंग चौथे नंबर पर तथा मंडल स्तर में दूसरे नंबर पर काबिज है। कोरोना संक्रमण में इसका सीधा लाभ जनता तक पहुंच रहा हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अम्बरीश द्विवेदी ने बताया कि जिला अस्पताल सहित कुल 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ वेलनेस सेन्टर पर टेलीमेडिसिन ई-संजीवनी एप की सुविधा की गई है। जिला में लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन ओपीडी सेवा शुरू होने से लेकर 9 जून तक 45876 मरीजों ने ई-संजीवनी ओपीडी के जरिये अपना इलाज कराया है। जिनमें सभी मरीज स्वस्थ्य होकर अपनी जिंदगी जी रहे है। ई-संजीवनी ओपीडी से मरीज घर बैठ कर इलाज करा सकते हैं। इस सेवा को सफल बनाने में सीएचओ की भूमिका अहम मानी जा रही है। जिला में अभी 106 सीएचओ तैनात हैं।
डीसीपीएम सुरेन्द्र कुमार ने बताया कोरोना काल में धीरे धीरे ई-संजीवनी ओपीडी बढ़ती जा रही है। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन ओपीडी सीएचओ सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम की सक्रियता जारी है। इसके माध्यम से मरीजो को घर बैठ नि:शुल्क सामान्य बीमारियों के अलावा हदय रोग, न्यूरो बाल रोग, महिला रोग, हड्डी रोग, त्वचा संबंधी बीमारियों का इलाज संभव है। इस तकनीक से दूर बैठे लोग फिजियोथेरेपी का भी लाभ उठा सकते हैं। जिला समन्वयक अरूण ने बताया कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से हर जरूरतमंद को ठीक करने का अभियान चलाया जाता रहा है।
क्या है टेलीमेडिसिन ई-संजीवनी एप?
यह उतना ही प्रभावी है जितना एक टेलीफोन के ज़रिये चिकित्सा संबंधी किसी समस्या पर रोगी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपस में बात करते हैं। टेलीमेडिसिन ई.संजीवनी एप के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तरीय चिकित्सालय, सामुदायिक केंद्र व शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात ऐसे चिकित्सकों को नामित किया गया है, जो समय प्रदान कर सके तथा उनके पास कंप्यूटर की सुविधा हो। मरीज व तीमारदार स्मार्टफोन से इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर (सीएचओ) व एएनएम के द्वारा टेबलेट का उपयोग कर ई.संजीवनी की सुविधा प्रदान की जाएगी।