गणेश चतुर्थी में बप्पा के रंग में सरोबार हो जाता है पुणेवाणी, आइए चलते हैं इस शहर के सुहाने सफर पर

‘द क्वीन ऑफ द डेक्कन’ के नाम से मशहूर महाराष्ट का सांस्कृतिक नगर पुणे बेहतर जीवन स्तर के लिहाज से अब बन गया है देश का नंबर वन शहर। इन दिनों यहां गणेश चतुर्थी उत्सव की धूम है। इस दौरान पुणेवाड़ी बप्पा के रंग में सराबोर हो जाता है। सन् 1894 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने यहां सार्वजनिक रूप से गणेशोत्सव की शुरुआत की थी। चलते हैं इस शहर के दिलचस्प सफर पर..

किसी भी मौसम में आएं, यह शहर आपको हमेशा खुशगवार नजर आएगा। कमोबेश साल भर यहां एक जैसा मौसम रहता है। पिछले दिनों भारत के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने बेहतर जीवन स्तर के लिहाज से जिन 111 शहरों की सूची जारी की थी, उनमें पुणे शहर अव्वल आया है। आप यहां देश के अलग-अलग भागों से आए लोगों को देख सकते हैं जो खुद को ‘पुणेकर’ कहते हुए गर्व महसूस करते हैं। बाकी मानकों के साथ-साथ एक अन्य बड़ी वजह, जिसकी वजह से यह शहर दूसरे शहरों से श्रेष्ठ माना गया है, उसमें यहां के बाशिंदों का अनुशासन में रहना भी है। अगर आप पुणे घूमना चाहते हैं तो समय लेकर जरूर आएं ताकि आप इसकी असीमित सुंदरता को तसल्ली से निहार सकें।

इन दिनों यहां की फिजा में घुले हैं आस्था के रंग। ‘गणपति बप्पा मोरया’ की गूंज इस शहर में हर तरफ है। दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव में देश-विदेश से लोग हिस्सा लेने पुणे आते हैं। अगर आप इस दौरान यहां आएं तो हर गली-नुक्कड़ पर विशाल और लुभावने गणेश मंडल के मंडप देख सकेंगे। इस उत्सव के दौरान महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल ‘पुणे उत्सव’ नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें नृत्य, संगीत, नाटक और खेल शामिल होते हैं। दस दिनों तक चलने वाला यह उत्सव गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है। वैसे, मराठी संस्कृति का गढ़ भी है यह शहर। साल भर यहां किसी न किसी उत्सव का आयोजन होता रहता है। दिसंबर माह में आयोजित सवाई गंधर्व संगीत महोत्सव भी इनमें से एक है। यह तीन दिन तक चलता है। इस महोत्सव में देश के हिंदुस्तानी व कर्नाटक संगीत से जुड़े जाने-माने कलाकार, संगीतज्ञ भाग लेते हैं। यदि आप शास्त्रीय संगीत के प्रेमी हैं तो आपके लिए यह उत्सव भी किसी पर्व से कम नहीं होगा। इसी तरह, पुणे में मराठी नाटक काफी लोकप्रिय हैं। यहां मराठी रंगभूमि मराठी संस्कृति का अविभाज्य अंग है। मराठी नाटक शौकिया और व्यावसायिक दोनों होते हैं। तिलक स्मारक मंदिर, बालगंधर्व रंगमंदिर, भरत नाट्य मंदिर, यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह, सुदर्शन रंगमंच व पिंपरी चिंचवड नाट्यगृह पुणे व आसपास के महत्वपूर्ण नाट्यगृह हैं। यहां के लोगों में फिल्मों का क्रेज भी खूब देखा जाता है। यहां अनेक मल्टीप्लेक्स है, जिनमें मराठी, हिंदी व हॉलीवुड की फिल्में दिखाई जाती है। 

देश के कुछ शहर अपनी नाइट लाइफ के लिए जाने जाते हैं। इन चुनिंदा शहरों में से एक है पुणे। शाम होते ही यह शहर चमकती लिबास में और खूबसूरत हो जाता है। जिंदगी में बेफ्रिक होना जरूरी है, यहां के बाशिंदे यही सीख देते हैं। अगर आप ऐतिहासिक स्मारकों, पर्यटक स्थलों की यात्रा के बाद थकान मिटाना चाहते हैं, तो आपके लिए यहां हैं दर्जनों नाइट क्लब, बार, पब, डिस्को और लाउंज। शाम को खुशनुमा और गुलजार बनाने के लिए इनमें होता है रॉक शो और म्यूजिक कंसर्ट। शाम ढलते ही शहर के युवाओं का यहां जमावड़ा लग जाता है। उन्हें लुभाने के लिए कराओके नाइट्स, डीजे नाइट्स भी आयोजित की जाती है।

पुणे को ‘पूरब का ऑक्सफोर्ड’ यूं ही नहीं कहा जाता। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण-शोध संस्थान यहां हैं। वहीं एक्टिंग की बारीकियां सीखने के लिए है देश का नंबर वन पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट, जिसे एफटीआइआइ के नाम से जाना जाता है, यहीं है। इसके अलावा यहां के आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज की लोकप्रियता के बारे में कौन नहीं जानता। यहां सूचना प्रौद्योगिकी के प्रतिष्ठानों की भी कोई कमी नहीं है, मसलन-राजीव गांधी आइटी पार्क, मगरपट्टा साइबरसिटी आदि। इसके अलावा अगर उच्च कोटि की भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों की बात करें, तो सबका प्रमुख कार्यालय पुणे में है, जैसे-इंफोसिस, टाटा, टीसीएस., टेक महिंद्रा, विप्रो, सत्यम, एचएसबीसी आदि।

पुणे महाराष्ट्र और भारत का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र भी है। दुनिया में सबसे ज्यादा दुपहिया बनाने वाली कंपनी बजाज ऑटो पुणे में है। भारत में सबसे ज्यादा प्रवासी वाहन और औद्योगिक वाहन बनाने वाली कंपनी टाटा मोटर्स, कायनेटिक, मर्सिडिज बेंज, बजाज टेंपो जैसे उद्योग पुणे में स्थित हैं। यह शहर अभियांत्रिकी उद्योग में भी अव्वल है। बात चाहे भारत फोर्ज यानी विश्र्व की दूसरी सबसे बड़ी फोर्जिंग कंपनी की हो या फिर ग्रीव्हज इंडिया की, ऐसी दर्जनों अभियांत्रिकी उद्योग यहां स्थित हैं। इनके अलावा, विद्युत व गृहपयोगी वस्तु निर्माता व्हर्लपूल और एलजी के उत्पादन कारखाने पुणे में ही हैं। पुणे महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग में स्थित मुला व मूठा, दो नदियों के किनारे बसा है।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पुणे के नेताओं और समाज सुधारकों ने अहम योगदान दिया लोकमान्य तिलक और सावरकर जैसे नेताओं के कारण पुणे का महत्व देशभर में बना रहा। महादेव गोविंद रानडे, सर रामकृष्ण गोपाल भंडारकर, विट्ठल रामजी शिंदे, गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा फुले जैसे समाज सुधारक और राष्ट्रीय ख्याति के नेता पुणे से ही थे।

यहां की कई जगहें हॉन्टेड प्लेसेज यानि डरावनी जगहों के रूप में जानी जाती हैं। ऐसी एक जगह शनिवार वाड़ा में है। कहा जाता है कि पेशवा काल में उस समय के सबसे युवा राजकुमार नारायण राव की महल में दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई थी। अंधविश्वासी लोग मानते हैं कि आज भी उनकी आत्मा वहां मौजूद है। इसी वजह है कि शाम 6 बजे के बाद इस महल में जाने की मनाही है। होल्कर ब्रिज भी पुणे के सबसे हॉन्टेड जगहों में माना जाता है। इनके अलावा कारवे रोड पर स्थित च्वाइस हॉस्टल भी एक डरावनी जगह मानी जाती है। एमजी रोड पर भी एक रहस्यमय घर है स्थानीय लोगों के अनुसार सिंहगढ़ फोर्ट के साथ-साथ विक्ट्री थियेटर के बारे में रहस्य-रोमांच से जुड़ी बहुत सारी कहानियां हैं। अघर आपको भी ऐसे रोमांचक किस्सों में मजा आता है तो एक बार खुद जाकर इन जगहों को देख सकते हैं।

यह सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। इसका निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने करवाया था। इस विशाल महल की भव्यता इसके परिसर में स्थित बगीचों और फव्वारों से औऱ बढ़ जाती है। इस महल के प्रवेश द्वार पर बाजीराव पेशवा की विशाल मूर्ति आपका स्वागत करती है।

पेशवा बाजीराव का नाम आते ही हर किसी को मस्तानी का नाम भी याद आता है। शनिवार वाडा के बगल में बाजीराव ने मस्तानी के लिए वर्ष 1734 में एक महल बनवाया था, जिसे मस्तानी महल का नाम दिया था। मस्तानी महल में हजारों आईने लगे थे। पर्यटक शनिवार वाडा आते हैं, तो मस्तानी महल जरूर जाते हैं।

यह किला 1300 मीटर की ऊंचाई पर सह्याद्रि की पहाडिय़ों पर बना हुआ है। यह पुणे शहर से लगभग 30 किमी. दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। मध्यकाल में इस किले के पास कई युद्ध हुए हैं। इनमें से खासकर साल 1670 में सिंहगढ़ की लड़ाई सबसे ज्यादा चर्चित है।

10 एकड़ में फैले पुणे ओक्यावमा फ्रेंडशिप गार्डन को पुला देशपांडे उद्यान भी कहते हैं। इसका मुख्य आकर्षण पार्क के बीच अनोखे तरीके से बहता पानी है।

पुणे में स्थित आगा खान पैलेस एक विशाल हवेली है, जिसका निर्माण सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खान तृतीय ने अपने समय में अकाल पीडि़तों को मदद पहुंचाने के लिए करवाया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, सरोजिनी नायडू जैसे आजादी के प्रमुख नायकों को इसी पैलेस में नजरबंद करके रखा गया था।

पुणे में बाजीराव रोड पर स्थित इस संग्रहालय में डॉक्टर केलकर द्वारा जुटाए गए दिलचस्प संग्रह को देखा जा सकता है। इनमें से कई चीजें 14वीं सदी की हैं। इस तीन मंजिला संग्रहालय में सोना-चांदी, हाथी के दांत से बनीं तमाम कलाकृतियों के अलावा संगीत के उपकरण और अस्त्र-शस्त्र भी रखे हुए हैं।

राजीव गांधी चिडियाघर 130 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। हर साल नाग पंचमी पर यहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

नेशनल वॉर म्यूजियम: पुणे के लोकप्रिय जगहों में से एक है नेशनल पुणे वॉर म्यूजियम। इस संग्रहालय के निर्माण में यहां के स्थानीय लोगों ने काफी योगदान दिया। यहां भारतीय सेना और सैनिकों के बारे में जानने को नजदीक से मिलेगा। अगर आपको देश के सैनिकों पर गर्व है, तो पुणे का यह संग्रहालय जरूर देखें।

शिंदे छत्री: शिंदे छत्री 18वीं शताब्दी के कुशल मराठा सैनिक महादजी शिंदे को समर्पित एक स्मारक है। पहले यहां एक शिव मंदिर हुआ करता था। बाद में माधव राव सिंधिया ने स्मारक का निर्माण करवाया। इस भवन की कारीगरी में राजस्थानी और अंग्रेजी वास्तुकला का अनोखा संगम मिलेगा।

महात्मा फुले म्यूजियम: पुणे के शिवाजी नगर में स्थित इस म्यू्जियम में ढेरों तस्वीरें, मशीनें और साइंस मॉडल्स हैं, जो उद्योग, कृषि, घरेलू उद्योग आदि के विकास की दास्तान बयां करते हैं।

ओशो कम्यून इंटरनेशनल सेंटर: रजनीश ओशो द्वारा स्थापित ओशो कम्यून इंटरनेशनल सेंटर भी दर्शनीय स्थल है। कार्ला और भाजा की बौद्ध गुफाएं आकर्षित करती हैं। वहीं 40 एकड़ में फैले मरु उद्यान में आप कुछ समय जरूर बिताना चाहेंगे।

लुभा लेंगे ये हाट-बाजार- अगर आप पुणे घूमने आते हैं तो यहां के आधुनिक मॉल्स के अलावा पारंपरिक हाट-बाजार में भी चहलकदमी कर आएं। खरीदारी के लिए जाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यहां दुकानें दिन में एक बजे से लेकर शाम चार बजे तक बंद रहती है।
तुलसी बाग मार्केट: तुलसी बाग मार्केट पुणे के दिल में बसता है। यह मार्केट लड़कियों का पसंदीदा शॉपिंग डेस्टिनेशन है। यहां जूलरी से लेकर साड़ी और पर्ल, नेकलेस तक किफायती दामों में मिल जाते हैं।
जूना बाजार: जूना बाजार पुणे का सबसे पुराना बाजार है। अगर आप एंटीक चीजों के शौकीन हैं, तो यह बाजार आपके लिए है। यह मार्केट सप्ताह में दो दिन यानी बुधवार और रविवार को ही खुला रहता है।

एफसी रोड मार्केट: एफसी रोड मार्केट को कॉलेज-गोइंग स्टूडेंटस का पसंदीदा डेस्टिनेशन कहें तो गलत नहीं होगा। किफायती दामों में कपड़ों के अलावा यह जगह किताबों, मिठाइयों और पॉपुलर ईटिंग आउटलेट्स के लिए भी प्रसिद्ध है।
हांगकांग लेन: विदेशी और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स खरीदने पुणे के लोग जाते हैं हांग कांग लेन। यहां आप खूबसूरत जंक जूलरी, घडियों आदि की खरीददारी कर सकते हैं।
फैशन स्ट्रीट: यह फैशनेबल कपड़ों के लिए मशहूर है। यहां लेटेस्ट फैशन ट्रेंड से लेकर हरउम्र के लोगों के लिए कपड़े की रेंज मिल जाती है। अगर आपको मोल-भाव करना आता है, तो यह मार्केट आपके लिए है।
महात्मा गांधी रोड: महात्मा गांधी रोड में सभी बड़े ब्रांड के बुटीक स्टोर हैं। इसे शाम के लिए सहेजें, जब आप आराम से टहलने और समय बिताने के साथ मिश्रित खरीदारी का भी आनंद ले सकें। 

 

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