भारतीय बैंकों को 9000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर विदेश भागे विजय माल्या के आरोपों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है। जेटली ने फेसबुक पर बयान जारी कर विजय माल्या से मुलाकात के दावे का खंडन किया है। उन्होंने माना है कि माल्या के देश छोड़ने से पहले उनकी मुलाकात हुई थी लेकिन यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी।

वित्त मंत्री ने कहा, वर्ष 2014 में मंत्री बनने के बाद उन्होंने माल्या को कभी मिलने का समय नहीं दिया, लेकिन शराब कारोबारी ने राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल करते हुए संसद भवन के गलियारे में उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की थी। उन्होंने फेसबुक पर लिखे पोस्ट में माल्या के लंदन में दिए गए बयान को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ बताया। जेटली ने कहा कि माल्या के बयान से सच सामने नहीं आ रहा है।
विजय माल्या ने बुधवार को लंदन में पेशी के दौरान बयान दिया कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों से सेटलमेंट का ऑफर दिया था।
गौरतलब है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई। माल्या का प्रत्यर्पण होगा या नहीं, इस पर कोर्ट 10 दिसंबर को फैसला सुनाएगा।
सफाई में वित्त मंत्री ने बताया, ‘माल्या, राज्यसभा सदस्य थे और सदन में आते थे। इस दौरान माल्या ने एक दिन सदस्य होने के विशेषाधिकार का फायदा उठाया और जब मैं एक दिन सदन से बाहर निकलकर अपने कमरे की ओर जा रहा था तो तेजी से चलते हुए मेरे पास पहुंचे। इस दौरान माल्या ने मुझसे कहा कि मैं सेटलमेंट का ऑफर दे रहा हूं।’ इस पर मैंने कहा कि मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं है, आप बैंकों से बात करें।
वित्त मंत्री जेटली के मुलाकात की बात मानने के बाद विजय माल्या ने एक और खुलासा किया। माल्या ने कहा, ‘ये सही है कि जेटली से कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई, लेकिन मैं उनसे संसद भवन में मिला और बताया कि लंदन जा रहा हूं।”
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