म्यांमार सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की निरीक्षण टीम को देश के रखाइन स्थित दर्जनों गांवों और शहरों में जांच की अनुमति दी है जहां पिछले साल सैंकड़ों रोहिंग्या मुस्लिम रहते थे। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2017 से शुरू हुई हिंसा के बाद से यूएनएचसीआर और यूएनडीपी को इन क्षेत्रों का दौरा करने की अनुमति नहीं थी।
सीएनएन के अनुसार, यूएन रिफ्यूजी एजेंसी (यूएनएचसीआर) की कुल चार टीमों और यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) उन राज्यों में दो सप्ताह रहेंगे जहां कथित तौर पर म्यांमार मिलिट्री द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को प्रताड़ित किया गया और हत्या कर दी गई थी। हालांकि देश की सेना ‘तातमादाव’ इन आरोपों से बार-बार इंकार कर रही है।
यूएन प्रवक्ता ओइफे मैकडोनेल के अनुसार, म्यांमार सरकार ने यूएन की टीम को 23 गांवों में जांच की अनुमति दे दी है जिसके बाद टीम के जांचकर्ताओं ने बुधवार को अपना काम शुरू कर दिया।
जून में यूएन ने म्यांमार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जिसमें सरकार ने बांग्लादेश से रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वैच्छिक, सुरक्षित और स्थाई वापसी के लिए अनुकूल स्थितियों के सृजन के लिए सहमति जताई थी। करीब 70,000 रोहिंग्या म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश चले गए थे जहां वे शरणार्थी के दर्जे की मांग कर रहे।