चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल मनाया जाता है। इस समय भी यही पर्व चल रहा है। अब आज चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है और आज माँ स्कंदमाता का पूजन होता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ स्कंदमाता की आरती और उनके मंत्र।
माँ स्कंदमाता की आरती-
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी, जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं, हरदम तुम्हे ध्याता रहूं मैं।
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
कई नामो से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरों में तेरा बसेरा।
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाये, तेरे भगत प्यारे भगति।
अपनी मुझे दिला दो शक्ति, मेरी बिगड़ी बना दो।
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
इन्दर आदी देवता मिल सारे, करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये, तुम ही खंडा हाथ उठाये
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
दासो को सदा बचाने आई, चमन की आस पुजाने आई।
जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता।
स्कंदमाता कवच –
ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मघरापरा।
हृदयं पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥
श्री हीं हुं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।
सर्वांग में सदा पातु स्कन्धमाता पुत्रप्रदा॥
वाणंवपणमृते हुं फट् बीज समन्विता।
उत्तरस्या तथाग्नेव वारुणे नैॠतेअवतु॥
इन्द्राणां भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।
सर्वदा पातु माँ देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥
स्कंदमाता का मंत्र-
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।