दूसरों को जीवनदान देते हुए अपनी जान गवां बैठा केजीएमयू का जूनियर डॉक्टर

यूपी के डीजीपी होम आईसोलेशन में गए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस वक्त कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर भी इससे अछूते नहीं है। शुक्रवार को लोगों को जीवनदान देने वाले किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) के जूनियर रेजिडेंट की जान चली गई। जूनियर डॉक्टर यहां पर हाईरिस्क एरिया में ड्यूटी कर रहे थे। अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उनको एडमिट किया गया। कोविड पॉजिटिव होने के बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और अपनी जान गवां बैठे। जूनियर डॉक्टर के देहांत से डॉक्टरों में शोक की लहर दौड़ गई।

कोरोना महामारी की दूसरी स्ट्रेन इतनी भयवाह है कि उसे काबू में करते-करते स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है। लेकिन डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टॉप और जिला प्रशासन के अधिकारी इसे काबू में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बात की जाये तो कोरोना से केजीएमयू में अब तक करीब 300, लोहिया संस्थान में 30, पीजीआइ में 100, लोकबंधु में 40, अवंतीबाई में 70, सिविल अस्पताल में 70 व बलरामपुर में 80 स्टाफ समेत पांच से छह सौ डॉक्टर व स्टॉफ संक्रमित हो चुके हैं। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराती जा रही है।

पुलिस के मुखिया हितेश चन्द्र अवस्थी को भी कोरोना के लक्षण पाये गए है। इसी के चलते अब वह होम आईसोलेशन में चले गए हैं। डीजीपी की अभी तक कोरोनो रिपोर्ट नहीं आई है। हालांकि अभी तक पुलिस मुख्यालय से इसको लेकर कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में गुरुवार को 22439 नए केस मिले थे। इसके बाद से प्रदेश में सक्रिय केस की करीब सवा लाख के पार पहुंच चुकी है। इसके साथ ही चौबीस घंटे की इस अवधि में सर्वाधिक 104 लोग जान गवा चुके। एक अप्रैल को प्रदेश में नए मरीजों की संख्या 2600 थी जो कि 15 अप्रैल को 22439 पहुंच गई, जो कि आठ गुना से अधिक है।

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