लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी की सेवाएं बंद करने का निर्णय किया है। हालांकि असाध्य रोगियों की समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने ऐसे रोगियों के इलाज की सुविधा पहले की तरह ही जारी रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इमरजेंसी व ट्रामा की सुविधाओं को भी सातों दिन 24 घंटे चालू रखने के निर्देश दिए है। विशेष सचिव (चिकित्सा शिक्षा) की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि प्रदेश में लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगे। यहां पर अत्यंत जरूरी सर्जरी के अलावा अन्य आपरेशन को जरूरत के अनुसार आगे टालने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेष सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना की फैली महामारी को देखते हुए जांच के लिए ओपीडी, नियोनेटल सेवाएं व एंटीनेटल क्लीनिक, कैंसर मरीजों को कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी सेवाएं व किडनी के मरीजों की डायलिसिस की सुविधाएं पूर्व की तरह ही चलती रहेंगी इसे नहीं बंद किया जायेगा। कहा कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पतालों की ओपीडी से सामान्य मरीजों की भीड़ को कम करना जरूरी था इसी कारण यह निर्णय किया गया है। राज्य सरकार ने यह भी निर्णय किया है कि कोरोना के संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अब एमबीबीएस के चौथी और पांचवें वर्ष के छात्रों को भी कोविड ड्यूटी पर लगाया जायेगा। इन छात्रों की परीक्षा निरस्त होने के वजह से इनकी ड्यूटी लगाई गई है। वहीं, निजी अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारियों की मनमानी अवकाश लेने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है।