लखनऊ। रमजान का पाक महीना बुधवार से शुरु हो रहा है। इस दौरान कोरोना संक्रमण का प्रभाव तेजी से फैल हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए दारुल उलूम इफ्ता फरंगी महल ने सोमवार को फतवा जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से रोजा नहीं टूटता है। इसलिए रमजान के पाक महीने में रोजे की हालत में वैक्सीन ली जाती है। फतवे में कहा गया है कि फतवे में कहा गया है कि वैक्सीन इंसानी बदन के रगों में दाखिल होती है, पेट के अंदर नहीं, इसलिए इसे लगवाने पर रोजा नहीं टूटेगा। ऐसे मुस्लिमों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 की वैक्सीन लगवाने में देर नहीं करना चाहिए।
मौलाना ने बताया कि भोपाल के अबीदुर्रशीद किदवई ने दारुल इफ्ता से यह सवाल किया था कि कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी इस समय अपने चरम पर है। इससे बचाव के लिए वैक्सीन इंजेक्शन के माध्यम से दी जा रही है। इसकी दो खुराक दी जाएगी। पहली खुराक ले चुका हूं और अब दूसरी खुराक रमजान के महीने में लेना है, ऐसे में रोजे के हालात में वैक्सीन ली जा सकती है। इसके सवाल के जवाब के साथ फतवा जारी कर सभी से वैक्सीन लगवाने के लिए कहा गया है। इस सवाल को लेकर फतवा जारी किया गया है, जिसमें इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि फतवे पर मेरे अलावा मौलाना नसरूल्लाह, मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी और मौलाना मुहम्मद मुस्ताक ने हस्ताक्षर किए हैं।