बिहार में फिर एक मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है. जहां भीड़ ने बिना कुछ सोचे समझे एक बेगुनाह युवक को पीट-पीटकर मार डाला. युवक अपनी दादी की बरसी के लिए सामान लेने सीतामढ़ी जा रहा था. इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. फिलहाल, पुलिस ने 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
दिल दहला देने वाली यह वारदात सीतामढ़ी की है. जहां बिहार में सुशासन फिर सवालों के घेरे में आ गया. युवक की पहचान सहियारा थाना क्षेत्र के सिगंहरीया गांव निवासी रूपेश कुमार झा पुत्र के भूषण झा के रूप में हुई है. रूपेश के चाचा सुनिल कुमार झा ने बताया कि कल उनकी मां का बरसी है.
उनका भतीजा उसी के लिए सामान खरीदने अपने दोस्त के साथ सीतामढ़ी शहर जा रहा था. तभी रास्ते में पिकअप वाले से साइड को लेकर उनका विवाद होने लगा. इसी बीच पिकअप चालक ने शोर मचाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई और एक युवक को पकड़ लिया. बिना कुछ सोचे समझे लोगों ने उस युवक यानी रूपेश को पीटना शुरू कर दिया.
फिर लाठी डंडों से उसकी जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान वो चीख़ता रहा. लोग पीटते रहे. यहां तक कि इस भीड़ में छोटे छोटे बच्चे भी दिख रहे थे. दूसरी ओर परिजनों ने सुशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो घर के काम से सीतामढ़ी जा रहा था.
ग्रामीणों ने पीट-पीटकर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. रीगा पुलिस ने मौके पर पहुंच कर युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जहां उसकी गंभीर स्थिति देखकर परिजन उसे शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर वरूण कुमार के क्लिनिक पर ले गए. डॉ. वरुण ने उसकी बेहद चिंताजनक स्थिति देखते उसे पीएमसीएच रेफर किया. जहां देर रात तकरीबन 11 बजे उसकी मौत हो गई.
वहीं ग्रामीणों के मुताबिक पिकअप में अवैध समान ले जाया जा रहा था. जिस कारण पिकअप चालक ने शोर मचाकर बेगुनाह युवक की हत्या करा दी. वारदात के बाद शव का पोस्टमार्टम तक नहीं हो सका. परिजनों ने बताया कि पुलिस तब मौके पर पहुंची, जब रुपेश के शव को मुखाग्नि दी जा चुकी थी.
दूसरी तरफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करने को लेकर परिजनों से एक पत्र भी लिखवा लिया लेकिन परिजनों ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए