देश में इस समय कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर बीत रहे 24 घंटों में नए मामलों के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। नये मामलों में से लगभग 70 प्रतिशत केवल 46 जिलों में सामने आए हैं। यदि हम इन जिलों में आवश्यक जन-स्वास्थ्य के उपायों को नई ऊर्जा के साथ लागू करें तो कोविड संक्रमण के चक्र पर लगाम लगाई जा सकती है। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट कार्यनीति पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। इसके अलावा क्वारंटाइन और आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना भी जरूरी है। कंटेनमेंट जोन में समुचित रूप से समय पर मामलों का नैदानिक प्रबंधन किए जाने की आवश्यकता है।
स्वदेशी विकसित वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड के साथ देश में तेज टीकाकरण किया जा रहा है। अब तक करीब दस करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई। वैक्सीन लाभाíथयों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। यह अपने आप में इस बात का संकेत है कि लोगों का वैक्सीन में विश्वास है और इसे वे सहर्ष स्वीकार कर रहे हैं। वैक्सीन देने पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा निर्धारित प्राथमिकता समूहों के लाभाíथयों को शामिल कर टीकाकरण का दायरा बढ़ाया जा रहा है। देश में रोजाना लगाई जा रही वैक्सीन का औसत दुनिया में सर्वाधिक है।
वैक्सीन आने के बाद कुछ लोगों ने यह अर्थ निकाला कि अब कोविड से बचाव की साधारण सावधानियों की आवश्यकता नहीं रही। लोगों की कैजुअल एप्रोच के कारण संक्रमण के मामले बढ़ने लगे। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए कई बार अपने राष्ट्रीय प्रसारण में सावधानियां बरतने की अपील की। इस अपील का प्रभाव भी हुआ, लेकिन व्यावसायिक और अन्य गतिविधियों के फिर शुरू होने पर लोगों ने समझा कि अब सब कुछ खुल रहा है और वे मास्क पहनने और आपसी सुरक्षित दूरी रखने के प्रति लापरवाही और अनदेखी करने लगे।
कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने के मूल रूप से दो उपाय हैं-एक सरकारी चिकित्सीय उपाय और दूसरा कोविड अनुकूल व्यवहार। पहले उपाय के अंतर्गत केंद्र और राज्य तथा केद्र शासित प्रदेश कार्रवाई कर रहे हैं। केंद्र सरकार टीकाकरण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की पर्याप्त आपूíत कर रही है। कहीं भी किसी भी राज्य में आपूíत नहीं होने के कारण वैक्सीन का काम रुका नहीं है। वैक्सीन की आपूíत पर रियल टाइम के आधार पर नजर रखी जा रही है और राज्य सरकारों को इस बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जाता है।
कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार यानी सही तरह मास्क पहनने और आपस में दो गज की दूरी का पालन करवाना सुनिश्चित करना होगा। कोविड अनुकूल व्यवहार सचमुच एक तात्कालिक सोशल वैक्सीन है, जिससे हम स्वयं को संक्रमण से बचा सकते हैं। यह एक ऐसा उपाय है जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से अपने बचाव के लिए गंभीरता से अपना सकता है।
मैं सदैव यही कहता रहा हूं कि कोरोना संक्रमण से बचाव हम सब के हाथ में है। यदि हम मास्क से नाक तक मुंह ढक कर रखें, आपस में समुचित सुरक्षित दूरी बनाए रखें, भीड़भाड़ के इलाकों, विशाल रैलियों, आंदोलनों, सामाजिक समारोह जैसे शादियों आदि से दूर रहें और अगर इनमें शामिल होना जरूरी हो तो आपसी सुरक्षित दूरी का पूरी तरह पालन करें।
एक दूसरे से मिलते समय अभिवादन करने के लिए न तो हाथ मिलाएं और न ही गले मिलें। अस्वच्छ हाथों से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है, इसलिए, बार-बार अच्छी तरह साबुन या सैनिटाइजर के उपयोग से हाथ साफ रखें। यह सावधानी बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे अपनी आदत में शामिल करें। इन सभी सावधानियों का कर्तव्य मान कर पालन किए जाने से वायरस हमारे नजदीक नहीं आ पाएगा। यही कोविड अनुकूल व्यवहार आज भी हम सब के लिए बचाव का सबसे सक्षम उपाय है, इसकी किसी कीमत पर अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।