निवेश को लेकर अच्छी सलाह का दावा करने वाले बहुत लोग मिल जाते हैं। कई बार मन में सवाल आता है कि हमें सलाह देने से उन्हें क्या फायदा है? उनके काम के तरीके और मुनाफे का जरिया समझना हमारे लिए मददगार हो सकता है। हमें अपने निवेश के लिए दिमागी तैयारी करनी चाहिए। यह दिमागी तैयारी ही हमें धोखे से बचाती है। सलाह को मानने से पहले उसके पीछे का इरादा समझना जरूरी है।
एक बुजुर्ग बड़ी रुचि से बताते हैं कि टीवी और इंटरनेट पर कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्होंने निवेश पर साल में 300 फीसद मुनाफा हासिल करने का तरीका खोज लिया है और उस पर किताब भी लिखी है। ये लोग सिर्फ शिपिंग के खर्च पर किताब भेजने को भी तैयार रहते हैं।
सोचने की बात है कि अगर किसी ने वास्तव में एक साल में 300 फीसद मुनाफा कमाने का तरीका खोज निकाला है, तो वह किताब की शिपिंग की लागत से मिलने वाले थोड़े से चिल्लरों के लिए इंटरनेट पर क्यों जाएगा। चार्ली मंगेर उन निवेश गुरुओं की बात करते हैं, जो अथाह संपत्ति के बारे में खोजे गए अपने रहस्यों का प्रचार करते रहते हैं। अहम बात यह है कि वे संपत्ति बनाने में विफल रहे हैं और अब आपको संपत्ति बनाने के रहस्यों को बेचकर पैसे कमाने के लिए मजबूर हैं।
भारत में टीवी, सोशल मीडिया और निजी रूप से भी हम इनकी बड़ी संख्या देखते हैं। ऐसे लोग हैं, जो आपको निवेश से तत्काल ज्यादा पैसा बनाने के बारे में सलाह देंगे। लेकिन अगर आप यह सोचने लगें कि इसमें उनको क्या फायदा है, तो इसका कोई जवाब नहीं है। बड़ा सवाल है कि आपको जो सलाह और सेवा बेची जा रही है, उसका उद्देश्य क्या है?
बिक्री के इस दौर में ऐसा सोचना मुश्किल है कि किसी ग्राहक को कोई एहसान के तौर पर वित्तीय सेवाएं देगा। कई लोगों को याद होगा कि एक दौर था जब किसी शेयर ब्रोकर की सेवाएं हासिल करना भी मुश्किल था। 1995 या उससे आगे तक ऐसे ही हालात थे। किसी परिचय से ही शेयर ब्रोकर मिलता था। ब्रोकर अक्सर आपके पैसे से एक बड़ा हिस्सा (कमीशन के अतिरिक्त) लेता था क्योंकि आपके पास यह जानने का कोई तरीका ही नहीं होता था कि वास्तव में आपका व्यापार किस कीमत पर हुआ है।
वे दिन तो बीत गए हैं लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। अब स्थिति ज्यादा जटिल है। सरकार या नियामक के स्तर पर तो अधिकांश बदलाव हो चुके हैं। लेकिन अब भी अगर आप नहीं चाहते कि आपके साथ बेईमानी हो तो आपको लगाम अपने हाथ में रखनी होगी और अपने ज्ञान को बढ़ाना होगा।
बचत और निवेश करने वालों को समझने की जरूरत है कि चीजें किस तरीके से काम करती हैं। ज्यादातर लोगों को बैंकिंग, बीमा, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड ब्लैक बॉक्स की तरह दिखते हैं। चीजें कैसे काम करती हैं, इसके बारे में एक दिमागी तैयारी के बगैर कोई व्यक्ति सामने आने वाली समस्याओं से नहीं निपट सकता है। मैंने कहीं पढ़ा था कि अगर चाभी को घुमाने से कार चालू नहीं होती है, तो ज्यादातर ड्राइवर चाभी को और जोर घुमाते हैं जबकि इससे कुछ होता नहीं।
हमें दिमागी तैयारी रखनी चाहिए। सर्विस प्रोवाइडर कौन है? बेचने वाला कौन है? वे कैसे पैसा बनाते हैं? इन सवालों का जवाब पता होने पर फैसला लेना आसान हो जाता है। वित्तीय उत्पादों को बेचने वाले आपको ट्रेड में बेहतर सलाह देने के लिए चीजों को पेश करने का दिखावा करते हैं। वास्तव में वे ट्रांजैक्शन से कमाते हैं। आप जितना ज्यादा निवेश करते हैं, उतना ज्यादा वे कमाते हैं। उनका लाभ स्पष्ट है।