तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन पॉम्बे मगुफुली का दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया है। उनका निकनेम बुलडोजर था। उन्हें ये नाम उनकी नीतियों की वजह से मिला था। उनके निधन की जानकारी उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहू हासन ने दी है। कुछ समय पहले उन्हें कोविड-19 से संक्रमित होने का संदेह जताया गया था। वो करीब दो सप्ताह से अधिक समय से सार्वजनिक तौर पर देखे नहीं गए थे। इसलिए इन आशंकाओं को बल मिला कि उनकी मौत की वजह कोविड-19 हो सकती है। हालांकि उपराष्ट्रपति ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वो काफी समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। हासन ने लोगों से अपील की है कि वो अन्य देशों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने ये भी कहा है कि ये बेहद आम बात है कि फ्लू या बीमार होने पर डॉक्टर को दिखाया ही जाता है। सरकार की तरफ से उनके निधन पर दो सप्ताह के शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।
पहले राष्ट्रपति जिनका पद पर बने रहते हुआ निधन
उनके निधन के बाद सरकारी टीवी चैनल पर धार्मिक गीत दिखाए गए और शोक मनाया गया है। उनके निधन की घोषणा करते हुए हासन ने राष्ट्रपति जॉन को एक बहादुर नेता बताया। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए एक अपूर्णीय क्षति बताया है। उन्होंने बताया है कि राष्ट्रपति ने दर ए सलाम के अस्पताल में अंतिम सांस ली। आपको बता दें कि तंजानिया के इतिहास में वो पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनका निधन पद पर रहते हुए हुआ है।
विपक्ष ने फैलाई कैसी-कैसी अफवाहें
उनके निधन पर प्रधानमंत्री कासिम मजालिवा ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति जॉन से बात की और विदेशों में बसे अपने लोगों को इसकी जानकारी भी दी। आपको बता दें कि राष्ट्रपति जॉन के दो सप्ताह से अधिक समय से सार्वजनिक तौर पर दिखाई न देने की वजह से आशंकाओं को बल मिला था। उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंदी टूंडू लिसू ने यहां तक कहा था कि वो देश छोड़कर केन्या भाग गए हैं या फिर कोविड-19 का इलाज कराने भारत के अस्पताल में कोमा में चले गए हैं। जॉन अक्टूबर 2020 के चुनाव में टूंडू को जबरदस्त शिकस्त दी थी और दोबारा राष्ट्रपति बने थे। तंजानिया के विपक्षी नेता जिटो काब्वे ने भी राष्ट्रपति के निधन के बाद हासन से बात की और उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने इसको लेकर ट्विटर पर भी अपना शोक संदेश लिखा है।
हासन बन सकती हैं पहली महिला राष्ट्रपति
माना जा रहा है कि अब तंजानिया की सत्ता पर 61 वर्षीय हासन को बिठाया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो वो पूर्वी अफ्रीकी देश में सत्ता संभालने वाली पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। हासन ने ब्रिटेन से पढ़ाई की है और वो संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में वर्ल्ड फूट प्रोग्राम में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा वो कई अहम पदों पर भी रह चुकी हैं। हासन तंजानिया की पहली महिला उपराष्ट्रपति भी हैं। उन्होंने 2015 में ये पद संभाला था।
सभी के लिए किया काम
हासन ने बताया है कि राष्ट्रपति जॉन को 6 मार्च को दिल की समस्या के बाद जकाया किकवेटे कार्डिक इंस्टिट्यूट में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। इसके एक सप्ताह बाद उन्हें फिर समस्या हुई थी जिसके बाद उन्हें मजेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दर ए सलाम में उनके निधन के बाद सभी सड़कें सूनी हो गईं। आपको बता दें कि इस शहर की आबादी करीब दो करोड़ है। तंजानिया के नागरिक पैट्रिक ट्रिमो ने बताया कि वो राष्ट्रपति जॉन को तब से जानते थे जब वो पहली बार मंत्री बने थे। उन्होंने हर किसी के लिए काम किया चाहे वो उनका समर्थक था या नहीं।
कोविड-19 को किया नजरअंदाज
राष्ट्रपति जॉन कोविड-19 महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों और उनकी नीतियों से भी नाखुश थे। उनका कहना था कि गर्म पानी की भाप लेने से ही तंजानिया के नागरिक इस बीमारी से बचे रहेंगे। इतना ही नहीं तंजानिया के एक केमिस्ट्री के टीचर ने यहां तक कह दिया था कि कोरोना वैक्सीन पश्चिम देशों की एक चाल है और वो इसके जरिए देश की संपत्ति छीनना चाहते हैं। उन्होंने मुंह पर मास्क लगाने और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने तक को लोगों को मना कर दिया था। तंजानिया ने पिछले वर्ष मई में ही कोविड-19 के मामले रिपोर्ट करना बंद कर दिया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उस वक्त सरकार की कड़ी आलोचना की थी और उन्हें ऐसा न करने की नसीहत तक दी थी।