ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपने कोरोना के टीके को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। कंपनी ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन टीकों के कारण रक्त का थक्काकरण (ब्लड क्लॉट) हुआ है जैसा कुछ यूरोपीय देशों से रिपोर्ट आई है। नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और आइसलैंड जैसे देशों ने ब्लड क्लॉट की खबरों के बीच अपने यहां एहतियात के तौर पर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है।
एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा कोविशील्ड के नाम से उत्पादन किया जा रहा है। भारत में टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड के साथ ही भारत बायोटेक के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रमुख दवा कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि ब्लड क्लॉट को लेकर हाल में जताई गई आशंकाओं के बीच कंपनी यह दोबारा भरोसा दिलाना चाहती है कि उसकी वैक्सीन वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर पूरी तरह से सुरक्षित है। उसके लिए सुरक्षा सर्वोपरि है और कंपनी अपने टीके की सुरक्षा की निरंतर निगरानी कर रही है।
बयान में कहा गया है कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में टीकाकरण से गुजरे 1.7 करोड़ से अधिक लोगों के उपलब्ध सुरक्षा आंकड़े की सावधानीपूर्वक की गयी समीक्षा से किसी भी उम्र समूह, लिंग या बैच, किसी खास देश में धमनियां या शिराओं में रक्त थक्काकरण का जोखिम बढ़ जाने का सबूत नहीं मिला है। कंपनी के पास जो सूचनाएं आई हैं उसके हिसाब से यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में अबतक रक्त थक्काकरण के 15 तथा वाहिका अवरोध के 22 मामले सामने आए हैं।
कंपनी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के टीकाकरण के बीच यह आंकड़ा स्वाभाविक रूप से प्रत्याशित ऐसी विसंगति से काफी कम है और अन्य कोरोना टीकों में भी ऐसा ही है। एस्ट्रोजेनेका की मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन टेलर ने कहा, ‘इस महामारी की प्रकृति ने व्यक्तिगत मामलों पर ध्यान बढ़ा दिया है और हम टीके से जुड़ी घटना की रिपोìटग में लाइसेंसशुदा दवाओं की सुरक्षा निगरानी के लिए मानक पद्धतियां से भी आगे जा रहे हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।’ इस रूख का विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं ब्रिटेन की ‘मेडिसीन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी’ ने समर्थन किया और लोगों से टीका लेना जारी रखने की अपील भी की है।