डॉ.अशोक ‘अज्ञानी’ को ‘काव्य क्षेत्रे काव्य किरीट’ सम्मान से नवाजा गया

लखनऊ : ‘काव्य  क्षेत्रे’ साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि व अवधी के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. अशोक ‘अज्ञानी’ को ‘काव्य क्षेत्रे काव्य किरीट’ सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान ‘काव्य क्षेत्रे ‘संस्था की ओर से कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ रचनाकार नरेन्द्र भूषण, राजेंद्र पण्डित, संस्था के संस्थापक अध्यक्ष हरिमोहन वाजपेयी ‘माधव’ और संस्था के महासचिव राजेंद्र कात्यायन ने प्रदान किया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष हरि मोहन वाजपेई ‘माधव’ ने सभी का स्वागत व आभार प्रकट किया। भवानी आईटीआई पलटन छावनी मोहिबुल्लापुर के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कवि और रचनाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर चार चांद लगा दिए।

कार्यक्रम की शुरुआत संध्या त्रिपाठी की वाणी वंदना से हुई।दीप प्रज्वलन नरेन्द्र भूषण,राजेंद्र पंडित व बालनिकुंज इंटर कालेज के संचालक ह्रदय जयसवाल ने किया । विभिन्न विधाओं के कवियों ने रसधार से सबको सराबोर कर दिया। नरेन्द्र भूषण, राजेन्द्र पण्डित, अशोक पांडेय’अनहद’,श्रीश चंद्र दीक्षित, प्रशांत त्रिपाठी, वरिष्ठ साहित्यकार अंजू शर्मा, राजा भैया’राजाभ, सौरभ पांडेय, लक्ष्मी शुक्ला,  हरि मोहन वाजपेई ‘माधव’, डा सुनील शुक्ल, राजेन्द्र  कात्यायन ने काव्य पाठ किया। राजेन्द्र कात्यायन का दोहा ‘इस दुनिया में सर्वदा, गलती उसकी दाल। पता जिसे है कब कहां, क्या चलनी है चाल।’ लोगों को काफी पसंद आया।

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