आईपीएल के सीजन 11 में मुंबई ने पंजाब पर रोमांचक जीत हासिल कर अपनी प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदों को कायम रखा है लेकिन इस हार से पंजाब की मुसीबतें काफी बढ़ गई हैं. अब पंजाब हराकर प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर होने की कगार पर आ गई है. पंजाब को अपने दिग्गज सलामी बल्लेबाजों क्रिस गेल और लोकेश राहुल पर निर्भर रहना एक बार फिर भारी पड़ गया. लोकेश राहुल की 60 गेंदों में 94 रनों की बेहतरीन पारी भी पंजाब को जीत नहीं दिला सकी और मुंबई के गेंदबाजों ने रोमांचक मुकाबले में अपनी टीम को तीन रनों से जीत दिला दी.
इस हार ने पंजाब को प्लेऑफ में जाने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. अब उसे अपने आखिरी मैच में जीत चाहिए होगी और साथ ही किस्मत के भरोसे भी रहना होगा लेकिन इसके बावजूद नेट रनरेट पंजाब के लिए मुसीबत ही बना रहेगा.
इस समय अंक तालिका में हैदराबाद और चेन्नई के बाद कोलकाता 14 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है और उसका अभी केवल एक ही मैच होना बाकी है. अभी प्लेऑफ की दौड़ में पहला और दूसरा स्थान हैदराबाद और चेन्नई काबिज हैं. तीसरे स्थान पर अभी कोलकाता और एक जीत के साथ वह तीसरा स्थान कायम कर सकती है.
इस समय झगड़ा चौथे स्थान के लिए हैं जिसमें मुंबई, राजस्थान और पंजाब 13 मैचों में 12 अंको के साथ क्रमशः चौथे, पांचवे और छठे स्थान पर हैं. नेट रन रेट के लिहाज से पूरी अंक तालिका में मुंबई सबसे मजबूत टीम है और उसका नेट रनरेट अभी +0.384 हैं. वहीं राजस्थान का नेट रनरेट -0.399 और पंजाब का नेट रनरेट -0.490 है. इस लिहाज से अगर तीनों ही अपना अंतिम मैच हार भी जातीं हैं तो मुंबई बाकी दोनों से ऊपर ही रहेगी. लेकिन ऐसी स्थिति में मुंबई को प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए बेंगलुरु का कम रनरेट बने रहते हुए उसकी एक हार की प्रार्थना करनी पड़ेगी. बेंगलुरु के अभी 12 मैचों में 10 अंक हैं और उसका नेट रन रेट +0.218 है. इस लिहाज से मुंबई को अंतिम मैच में केवल जीत ही प्लेऑफ में जगह दिला सकती है.
वहीं दूसरी टीमों का गणित थोड़ा जटिल है क्योंकि उन्हें अब जीत के साथ नेट रन रेट की चिंता भी करनी होगी. इसमें सबसे बड़ी मुसीबत पंजाब की है. क्योंकि उसका मुकाबला चेन्नई से है जिसे दो मैच खेलने हैं और अभी वह 16 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं. अगर चेन्नई अपना अगला मुकाबला दिल्ली से हार जाती है और कोलाकाता अपना आखिरी मैच जीत जाती है, तो चेन्नई को अपना रन रेट कोलकाता से बेहतर बनाना होगा क्योंकि चेन्नई दूसरा स्थान तो खोना बिल्कुल नहीं चाहेगी.
ऐसा इसलिए हैं कि अंक तालिका में पहुंचने वाली टॉप दो टीमें क्वालिफायर 1 खेलेंगी जिसमें हारने वाली टीम को एक और मौका मिलेगा यह टीम अंक तालिका में तीसरी और चौथे नंबर की टीम के बीच हुए एलिमिनेटर मैच के विजेता से होगा जिसे क्वालिफायर 2 मैच कहा जाएगा. क्वालिफायर 2 का विजेता फाइनल में पहुंचेगा. वहीं क्वालिफायर 1 का विजेता को सीधे फाइनल में प्रवेश मिलेगा.
पंजाब के सामने हैं ये जटिलताएं
पंजाब को अब चेन्नई के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल करनी होगी लेकिन इसके साथ दुआ भी करनी होगी कि कम से कम मुंबई अपना आखिरी मैच जरूर हार जाए. इसके अलावा बेंगलुरु की दो हार उसके अवसर को बढ़ा सकती है. इसके साथ केवल राजस्थान की हार ही उसे प्लेआफ में पहुंचा सकती है. हालांकि बिना नेट रन रेट में सुधार हुए राजस्थान की बेंगलुरु पर जीत भी उसकी संभावना को उसके खुद के नेट रनरेट पर निर्भर कर देगी. लेकिन फिर भी उसे अपना नेट रन रेट सुधारने के लिए चेन्नई को तो हराना ही होगा. अपने अंतिम मैच में हार पंजाब को प्लेऑफ से बाहर ही कर देगी. उसके साथ केवल राहत की एक ही बात है कि वह चेन्नई को उसी के घर (चेन्नई) में हरा चुकी है.