नरेंद्र देव कृषि विवि का 22वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
अयोध्या : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज का 22वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाधिपति व उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। कुलाधिपति ने उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा उपाधि धारकों को समाज व राष्ट्र के प्रति उनके उत्तरदायित्व को स्मरण कराया। उन्होंने उपाधि धारकों को कृषि क्षेत्र में उन्नति लाने का व्रत लेने तथा राष्ट्र के विकास एवं उन्नयन के प्रति दृढ़ संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि जब आप दुनिया की वास्तविकताओं का सामना करने के लिए तैयार हो रहे हैं, ऐसे समय में मानव मूल्य व आदर्शों का ध्यान रखते हुए सदैव विवेकपूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं कृषि जगत से जुड़े आगंतुकों को सरकार द्वारा कृषकों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को अपनाने तथा कृषकों की कृषि आधारित समस्याओं का तकनीकी निदान करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या द्वारा विकसित प्रजातियो एवं तकनीकी के माध्यम से पूर्वांचल के साथ-साथ उप्र के विकास में विश्वविद्यालय का अमूल्य योगदान है। जिसे भविष्य में जारी रखते हुए विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (शिक्षा) के उप महानिदेशक डॉ. राकेश चंद्र अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि राज्य कृषि विश्वविद्यालय, सक्षम मानव संसाधन विकसित करने के केंद्र हैं, जो गुणवत्ता युक्त शिक्षा देकर दक्ष एवं योग्य व्यक्तियों के माध्यम से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कृषि के बदलते हुए परिवेश में योग्य एवं तकनीकी रूप से दक्ष, सुशील एवं प्रगतिशील युवा वर्ग एवं शिक्षित व्यक्ति किसानों के उत्थान एवं देश के कृषि क्षेत्र के विकास की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। कृषि स्नातकों को इस क्षेत्र में सतत् विकास के लिए पेशेवर दक्षता की आवश्यकता है। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रोजगार परक शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर किया जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा छात्रों को जिज्ञासाओं के अनुरूप नवीनतम तकनीक का अनुसरण कर स्मार्ट क्लास द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है।
579 स्नातक व परास्नातक छात्र–छात्राओं को प्रदान की गयी उपाधियां
दीक्षांत समारोह में नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद्र को उनकी अनुपस्थिति में मानद उपाधि प्रदान की गई तथा कृषि, उद्यान, सामुदायिक, अभियंत्रण व पशु चिकित्सा एवं पशुपालन पाठ्यक्रमों में स्नातक एवं परास्नातक के कुल 579 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। समारोह के दौरान 6 उपाधि धारकों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 11 उपाधि धारकों को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 8 उपाधि धारकों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। कुलाधिपति स्वर्ण पदक पाने वाले समस्त उपाधि धारक छात्राएं रहीं जो महिला सशक्तिकरण का एक सजीव उदाहरण है।
जिसे राज्यपाल द्वारा सराहा गया तथा छात्राओं को और आगे बढ़-चढ़कर परिवार, समाज व देश के उत्थान में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया। दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि लाखन सिंह राजपूत, राज्यमंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त उपाधि धारकों को बधाई दी तथा उन्हें कृषि के क्षेत्र में बड़े आयाम हासिल करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों तथा युवा वर्ग को किसानों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु आह्वान किया। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं कुलपति द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रभक्ति की चर्चा की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. बिजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों पर पहुंचाने तथा कीर्तिमान स्थापित करने हेतु कार्य करने के लिए वैज्ञानिकों को प्रेरित किया।
प्रगतिशील किसानों को किया गया सम्मानित
विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि दीक्षा समारोह के साथ-साथ इस दीक्षांत समारोह के प्रमुख आकर्षण परिषदीय स्कूल के बच्चे रहे जिन्हें कुलाधिपति द्वारा स्कूल बैग, ज्ञानवर्धक पुस्तकें, फल-फूल, पौष्टिक आहार आदि देकर संवाद करना तथा पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आए पद्मश्री एवं प्रगतिशील किसानों को अंग वस्त्र आदि पहनाकर सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में पद्मश्री किसान चंद्रशेखर सिंह (वाराणसी), इंद्रसेन सिंह (जौनपुर), श्रीमती कृष्णावती (बस्ती), अशोक सिंह (बाराबंकी) सोहेल आलम (सुल्तानपुर) व राजेंद्र वर्मा (अयोध्या) को सम्मनित किया गया।