कोरोना महामारी से जूझते हुए पूरी दुनिया को 14 माह हो चुके हैं। इसके बाद भी इससे निजात नहीं मिल कसी है। हालांकि राहत की बात ये है कि इसकी वैक्सीन बनने के बाद से बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। पूरी दुनिया और वैश्विक संगठन इस मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के अब तक 118,630,045 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 2,631,996 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। सही होने वाले मरीजों की संख्या की बात करें तो ये 94,238,652 तक जा पहुंची है और पूरी दुनिया में इस वायरस संक्रमण के कुल 21,759,397 एक्टिव केस हैं।
दुनिया में आई महामारी पर यदि नजर डालें तो इस बार तकनीक और सुविधा की बदौलत पहली बार एक वर्ष के अंदर वैक्सीन दुनिया के सामने आ सकी है। दुनिया पर अब तक कई बार महामारी का संकट छाया है जिसमें करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इन महामारियों में मारे गए कुल लोगों की बात करें तो ये संख्या करीब सवा बारह करोड़ से भी अधिक है। जानें कब-कब आई महामारी और कितने लोग हुए इसके शिकार
- प्लेग ऑफ एथेंस ने 430 ईसा पूर्व एक लाख लोगों की जान ले ली थी।
- एंटोनिन प्लेग ने 165-180 में 40-70 लाख लोगों की मौत हुई थी।
- जापानिज स्मालपॉक्स की वजह से 735-37 में दस लाख लोगों की मौत हुई थी।
- प्लेग ऑफ जस्टिनियन की वजह से 541-2 में करीब दस करोड़ लोगों की जान गई थी।
- ब्लैक डेथ (बूबोनिक प्लेग) 1347-51 के बीच करीब ढाई से 5 करोड़ लोगों की जान गई थी।
- स्माल पॉक्स की वजह से सन 1520 में मेक्सिकों में 80 लाख लोगों की जान गई थी।
- 1545-48 में आए कोकोलिजट्ली जो संभावित तौर पर टाइफाइड माना जाता है की वजह से डेढ़ करोड़ लोग मारे गए थे। इस बीमारी से एक बार छुटकारा पाने के बाद दोबारा इसका विकराल रूप सामने आया और वर्ष 1578 में इसकी वजह से 20 लाख लोगों की जान चल गई थी।
- 1665-66 में लंदन में आए ग्रेट प्लेग में एक लाख लोगों की मौत हुई थी।
- ग्रेट प्लेग और मर्सिले के नाम से सामने आई बीमारी ने 1720-23 में 40 हजार लोगों को मौत की नींद सुला दिया था।
- सन 1770-72 रशियन प्लेग से एक लाख लोगों की मौत हुई थी।
- सन 1889-90 में रशियन फ्लू ने दस लाख लोगों की मौत हो गई थी।
- 1918-19 में आए स्पेनिश फ्लू में पांच से दस करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
- 1957-58 में एशियन फ्लू के फैलने से 11 लाख लोग मारे गए थे।
- 1968-70 में आए हांगकांग फ्लू में दस लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
- यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 1981 से वर्ष 2019 तक में करीब सवा तीन करोड़ लोगों को एचआइवी से संबंधित बीमारी की वजह से जान से हाथ धोना पड़ा है।
- वर्ष 2002-3 में आए सार्स ने 770 लोगों की जान ली थी।
- 2009-10 में स्वाइन फ्लू ने 151700 से 575400 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2012 में मर्स की वजह से 850 लोगों जान चली गई थी।
- 2014-16 की वजह से 1130 लोगों की जान गई थी। थी।
- 2020 में आए कोविड-19 की वजह से अब तक ढाई करोड़ से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।