भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रोजगार सरकार के लिए बड़ा टास्क है, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। शासकीय सेवाओं में जितने आवश्यक पद है, उन्हें भरा जाएगा। इसके साथ ही स्व-रोजगार के लिए भी व्यापक व्यवस्थाएं की गयी हैं। श्री चौहान आज स्वामी विवेकानंद केरियर मार्ग दर्शन योजना के अंतर्गत कौशल विकास और स्व-रोजगार के लिए महाविद्यालयों में प्रशिक्षण ले रहे 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों से वर्चुअल संवाद कर रहे थे। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव तथा प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने के लिये ”स्टार्ट योर बिजनस इन थर्टी डेज’ की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही कौशल उन्नयन और व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था, लोन की गारंटी और ब्याज पर अनुदान की सुविधा भी प्रदेश के युवाओं को उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य सरकार हर कदम पर आपके साथ है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था भविष्य में युवाओं के लिये उपयोगी सिद्ध होंगी। स्वामी विवेकानंद केरियर मार्ग दर्शन योजना में ई-कामर्स, ऑनलाइन बैंकिंग और कम्प्यूटर कौशल पर प्रशिक्षण उद्यमशीलता के विकास में महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं को लक्ष्य निर्धारित कर अनुशासित होकर व्यवस्थित रूप से परिश्रम करने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जो पहल करते है, परिश्रम करते है, सफलता उन्हें ही मिलती है। उन्होंने कोरोनकाल में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था जारी रखने के लिये उच्च शिक्षा विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयलीन स्तर पर व्यवसायिक प्रशिक्षण के नवाचार से मध्यप्रदेश की पूरे देश में अलग पहचान बनेंगी। उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद केरियर मार्ग दर्शन योजना मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2006 में आरंभ की गई।
इस योजना में पहली बार आधुनिक तकनीक के माध्यम से 498 शासकीय महाविद्यालयों के 18 हजार 800 विद्यार्थियों और 1600 प्रधायपकों ने एक साथ स्व-रोजगार और रोजगार का प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण नरोन्हा प्रशासन अकादमी द्वारा ऑनलाइन दिया गया है। स्वामी विवेकानंद केरियर मार्ग दर्शन योजना के अंतर्गत विद्यार्थी अपनी रूचि के अनुसार दस विषयों में से किसी एक विषय में प्रशिक्षण ले सकते हैं। इसके अंतर्गत उन्नत कृषि कौशल, सौर ऊर्जा संयंत्र संधारण एवं विपणन, पशुधन, कुक्कुट, मधुमक्खी-मत्स्य पालन, पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन कौशल, ई-कामर्स एवं ऑनलाइन बैंकिंग, कराधान, आईटी.-जीएसटी, खाद्य पदार्थ निर्माण एवं प्र-संस्करण, खान एवं खनिज संबंधी स्व-रोजगार, बुनकर, छापा कला-वस्त्र निर्माण, पत्रकारिता और अनुवाद कार्य विषयों को शामिल किया गया है।