कोविड-19 टीकाकरण अभियान के शुरू में लाभार्थियों की संख्या बेहद कम रही। इसका कारण को-विन पोर्टल में अस्थायी तकनीकी मुद्दा रहा। इसका समाधान कर लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने राज्यसभा में इसकी जानकारी फरवरी में ही दी थी।
एक लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे टीकाकरण की गति बढ़ती गई। 21 दिनों के भीतर देश में 50 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया जा चुका था। 31 जनवरी तक कुल 93.6 लाख स्वास्थ्य कर्मी और 77.9 लाख अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ता पंजीकृत हो चुके थे। इस तारीख तक कुल 37.58 लाख कार्यकर्ताओं का टीकाकरण हो चुका था।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने सदन को बताया था कि तीन करोड़ हेल्थकेयर और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण का अनुमानित खर्च करीब 480 करोड़ रुपये है। टीका पर होने वाला खर्च करीब 1,392 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोविड-19 जांच प्रयोगशालाओं से कोई बड़ी प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं मिली है।
अभी तक सशस्त्र बलों के 42,848 कर्मी पाए गए पॉजिटिव
रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि तीनों सेनाओं के 42,848 कर्मी अभी तक कोविड-19 जांच में पॉजिटिव मिल चुके हैं। थल सेना में 32,690, वायुसेना में 6,554 और नौसेना में 3,606 कर्मी पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। तीनों सेनाओं में इस महामारी के कारण मृत्यु दर क्रमश: 0.24 फीसद, 0.39 फीसद और 0.05 फीसद है।
रक्षा राज्यमंत्री ने सदन को बताया कि तीन वर्षो के दौरान तनाव के कारण कोई रक्षा कर्मी सेवा से अलग नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सेवा को 2020 में मानवाधिकार उल्लंघन की सात शिकायतें मिलीं, लेकिन उनमें से एक भी सत्य नहीं पाई गई।