बता दें कि जस्टिस कर्णन 8 मई 2017 को उस समय विवादों में आए थे, जब उन्होंने खुद को अवमानना के मामले में तलब करने पर अपनी अदालत में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर और अन्य सात जजों को एससी/एसटी एक्ट के तहत 5 साल के कठोर श्रम वाले कारावास की सजा सुना दी थी।
अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 6 महीने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद वे फरार हो गए थे। बाद में उनके रिटायरमेंट के बाद 21 जून को कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जस्टिस कर्णन को जेल से 20 दिसंबर को रिहा किया गया था।
अपनी पार्टी के गठन की घोषणा करते हुए जस्टिस कर्णन ने बुधवार को कहा, मेरी पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेगी। हम सीटों की संख्या बाद में तय करेंगे, लेकिन केवल महिला उम्मीदवारों को ही चुनाव लड़ाया जाएगा।
जस्टिस कर्णन यहां कुछ मानवाधिकार संगठनों की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। उन्होंने कहा, हमने मुख्य चुनाव आयुक्त से अपनी पार्टी के पंजीकरण का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य देश से भ्रष्टाचार को मिटाना है।