उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी ने विधानसभा में गुरुवार को कहा है कि भाजपा सरकार ने चार साल में जनता की दुर्दशा कर दी है और उसने परेशान होकर अगले चुनाव में उसे हटाने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट पेपरलेस ही नहीं, रोजगार व विकास लेस भी है। किसानों के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री साधु हैं, उन्हें खेती के बारे में क्या मालूम?
उन्होंने सत्ता पक्ष से कहा कि आप लोग अकड़िए मत, अहम भी न पालिए। जनता के मन में क्या चल रहा आप नहीं जानते। रास्ते मुश्किल जरूर हैं, मगर हम मंजिल जरूर पाएंगे। इस बार जनता सपा सरकार वापस ला रही है। जनता को ठगने की कला में भाजपा माहिर है। इसलिए पढ़े लिखे उच्च शिक्षित लोगों को मनरेगा में मिट्टी खोदने का काम दिला कर कह रही है कि रोजगार दे दिया। लेकिन युवा अब बहकावे में नहीं आने वाले।
उन्होंने सत्ता पक्ष से कहा कि आप लोग अकड़िए मत, अहम भी न पालिए। जनता के मन में क्या चल रहा आप नहीं जानते। रास्ते मुश्किल जरूर हैं, मगर हम मंजिल जरूर पाएंगे। इस बार जनता सपा सरकार वापस ला रही है। जनता को ठगने की कला में भाजपा माहिर है। इसलिए पढ़े लिखे उच्च शिक्षित लोगों को मनरेगा में मिट्टी खोदने का काम दिला कर कह रही है कि रोजगार दे दिया। लेकिन युवा अब बहकावे में नहीं आने वाले।
कर्मचारियों के बंद भत्ते बहाल करे सरकार
विधानसभा में रामगोविंद चौधरी ने गुरुवार को बजट पर चर्चा शुरू करते हुए ये बातें कही। उन्होंने सत्ता पक्ष को निशाने पर रखते हुए कहा कि घंटी बजाने और राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने से नहीं, वरन श्रीराम के गुण अपनाने से प्रतिष्ठा बढ़ती है। उन्होंने मांग रखी कि सरकार लाखों राज्य कर्मचारियों का रुका डीए जारी करे। साथ ही बंद कर दिए भत्तों को बहाल करे।
उन्होंने कहा कि यह सरकार जिसके नाम पर बजट समर्पित करती है, उनके लिए कुछ करती नहीं है। यही कारण है कि बजट का आधा पैसा खर्च ही नहीं हो पाया और राजकोषीय घाटा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने तंज करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री की पीठ जरूर थपथपाते हैं और साथ ही केंद्र मांगने पर यूपी को ठेंगा दिखा देता है।
हमने स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर की
उन्होंने दावा किया कि अखिलेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर कर दिया था, इसलिए कोरोना वैरियर्स कोरोना के खिलाफ जंग लड़ पाए। राम गोविंद चौधरी ने कहा कि चार साल में एक भी बिजली कारखाना सरकार नहीं लगवा पाई। बिजली के दाम जरूर काफी बढ़ गए। बुनकरों को सस्ते रेट पर बिजली देने की नई व्यवस्था अभी लागू नहीं हो पाई।