राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को विदेश नीति पर वैश्विक सहयोगियों को संदेश देते हुए कहा कि अमेरिका वापस आ गया है, ट्रांस अटलांटिक गठबंधन में वापस आ गया है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन साझा चुनौतियों को पूरा करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा। बाइडन ने कोरोना महामारी पर अयोजित म्यूनिख सिक्योरिटी सम्मेलन (Munich Security Conference) में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ये बात कही।
बाइडन ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें इरान के साथ परमाणु समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने, चीन और रूस द्वारा पेश आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से निपटना और कोरोना वायरस महामारी से होने वाले नुकसान की भरपाइ करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए अमेरिका को उसके पश्चिमी सहयोगियों के सहयोग की आवश्यकता होगी।
बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पश्चिम के सहयोगियों के साथ गठबंधन को फिर से आगे बढ़ाने पर जोर दिया। बाइडन ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि पिछले कुछ साल में अटलांटिक महासागर के पार के देशों के साथ संबंधों में काफी खिंचाव रहा। अमेरिका फिर से यूरोप के साथ प्रतिबद्धता व्यक्त करना चाहता है, आपसे मशविरा करना चाहता है।
वहीं, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के बीच अब भी कुछ मुद्दों पर मतभेद है। चीन की आर्थिक महत्वाकांक्षा को यूरोप बड़ा खतरा नहीं मानता है जबकि अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है। रूस को लेकर भी अमेरिका के रुख पर यूरोप के देशों में मतभेद है।
उन्होंने अफगानिस्तान में दो दशक से चल रहे युद्ध के बारे में भी बात की। ट्रंप प्रशासन के साथ शांति समझौते के तहत 2,500 अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए 1 मई की समय सीमा तय की गई है। बाइडन ने रूस और चीन द्वारा उत्पन्न आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग का आह्वान किया।