उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़े गए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन और फिरोज खान के विरुद्ध आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले दोनों के विरुद्ध थाना एसटीएफ, लखनऊ में भी एफआइआर दर्ज की गई है। बुधवार को एटीएस दोनों आरोपितों को लखनऊ स्थित एनआइए कोर्ट में पेश किया और एक सप्कताह की कस्टडी रिामांड मांगी है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की आड़ में हिंसा की आग फैला चुके संगठन पीएफआइ ने उत्तर प्रदेश को दहलाने की साजिश रची थी। वसंत पंचमी के आसपास लखनऊ में होने वाले हिंदू संगठनों के कार्यक्रमों व महत्वपूर्ण स्थलों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए पीएफआइ के दो आतंकी केरल से लखनऊ पहुंच भी गए थे, लेकिन वह अपने खौफनाक मंसूबों को पूरा कर पाते, उससे पहले स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने विस्फोटक व हथियार बरामद कर आतंकी हमले की साजिश नाकाम कर दी।
पीएफआइ के गिरफ्तार इस सदस्यों के निशाने पर कई बड़े नेता भी थे। उनका मकसद देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की सीरियल किलिंग भी था। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार पीएफआइ के कमांडर केरल निवासी अन्सद बदरुद्दीन व केरल के ही निवासी फिरोज खान को मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे कुकरैल तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। दोनों से पूछताछ में सामने आया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में एक-साथ आतंकी हमले की साजिश थी। दोनों आरोपित सूबे में वसंत पंचमी के मौके पर धमाकों की योजना में शामिल थे। फिरोज युवकों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग देता था।
आशंका है कि इस पूरी योजना को अंजाम देने के लिए विदेश से फंडिंग भी की गई है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी ऐसे कई बिंदुओं पर पड़ताल किए जाने की बात कह रहे हैं। इनके पास से हिंदूवादी संगठनों के प्रमुख व बड़े नेताओं की सूची भी मिली है। कई दस्तोवज मलयालम भाषा में हैं। दोनों लखनऊ आने के बाद कुछ युवकों को विस्फोटक बांट भी चुके थे। उन युवकों की भी सरगर्मी से तलाश कराई जा रही है। दोनों आरोपितों के विरुद्ध थाना एसटीएफ, लखनऊ में एफआइआर दर्ज की गई है।