भारत के अद्भुत पुत्र का विवादों से पुराना नाता रहा है. वह जहां जाते है वहां विवादों से घिर जाते है या यूं कहे विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ते है. यहाँ बात की जा रही है कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी की राहुल का विवादों से नाता कुछ इस प्रकार है जैसे अलादीन और जिन्न का, बस यहाँ अंतर यह है कि जब कहानी में अलादीन चिराग को रगड़ता है तो जिन्न उसकी मदद करने के लिए आता है. लेकिन ‘राहुल बाबा’ की कहानी में बात कुछ और है.
ऐसे बने राहुल हीरों
‘आपको हॉउसफुल फिल्म तो याद होगी जिसमे अक्षय कुमार जब भी अच्छा करने जाते है तो कुछ ना कुछ बुरा हो ही जाता है, नाम पड़ता है पनोती’ बस रियल लाइफ में ऐसा ही कुछ किरदार राहुल निभा रहे है. अगर राहुल के अच्छे कामों की लिस्ट निकाली जाए तो विवाद अपने आप सामने आ जाएंगे.
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इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी 31 अगस्त को अपनी कैलास मानसरोवर की धार्मिक यात्रा के लिए गए थे. बताया जा रहा है कि अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने काठमांडू के रेस्टोरेंट में नॉन वेज खाना खाया. जैसे ही यह खबर बाज़ार में फैलने लगी उसी वक्त ‘अत्यंत तुरंत’ रेस्टोरेंट की तरफ से फेसबुक के जरिए बताया कि राहुल गांधी ने नॉन वेज खाना नहीं खाया था. इस रेस्टोरेंट ने कहा अपनी सफाई में कहा हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि राहुल गांधी ने होटल के मेन्यू में से शुद्ध शाकाहारी खाना ऑर्डर किया था.
इसके बाद राहुल के समर्थन में कांग्रेस के कुछ छुटभैये नेताओं ने भी बयान बाज़ी की और कहा जब खुद रेस्टोरेंट ने ही इस मामले में सफाई देकर सब कुछ साफ कर दिया है तो विवाद की कोई बात ही नहीं बनती है. इसके साथ ही बाबा(राहुल) के साथीगण ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा में अड़ंगे लगाना चाहती है. उन्हें परेशान करना चाहती है. बाबा के साथीगण ने बीजेपी के इस आरोप के बाद इस विवाद को देव और दानवो की लड़ाई बताया है.
बीजेपी – कांग्रेस की लड़ाई के पीछे जिम्मेदार
बता दें कि राहुल इससे पहले भी विवादों में फ़स कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच देव और दानवो की लड़ाई कई बार करा चुके है. लगता है राहुल के घर WWE का चैनल नहीं चलता है. इसलिए वह लड़ाई लाइव देखना चाहते होंगे. खैर पोगो तो चलता ही होगा.